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    नयी दिल्ली.  सुबह की बड़ी खबर के अनुसार  विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक सलाहकार समिति ने अब दक्षिण अफ्रीका में पहली बार सामने आए कोरोना वायरस के एक नए वेरिएंट को ‘बेहद तेजी से फैलने वाला और चिंताजनक’ करार दिया है।  इसके साथ ही ग्रीक वर्णमाला के तहत इसे ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है। 

    दरअसल संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) की ओर से बीते शुक्रवार को की गई यह घोषणा पिछले कुछ महीनों में वायरस के नए प्रकार की कैटिगरी में पहली बार की गई है। पता हो कि इसके पहले इसी कैटिगरी में कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट को भी रखा गया था जिसका प्रसार दुनियाभर में हुआ था और भारत में भी दूसरी लहर के लिए इसे ही जिम्मेदार बताया गया था। 

    गौरतलब है कि WHO की एक आपातकालीन बैठक के बाद इनके द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि, ”कोविड -19 महामारी विज्ञान में  एक हानिकारक परिवर्तन का संकेत प्रस्तुत किए गए सबूतों के आधार पर, टीएजी-वीई ने WHO को सलाह दी है कि इस संस्करण को चिंता के प्रकार (VOC) के रूप में नामित किया जाना चाहिए और WHO ने बी। 1। 1529 को इस रूप में नामित किया है। इस नए VOC का नाम ‘ओमीक्रॉन’ (Omicron) रखा गया है। 

    इन देशों ने लगाया ट्रैवल बैन 

    इधर अब दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर अब पूरी दुनिया एक बार फिर सतर्क हो गई है। इसके साथ ही कुछ देशों ने दक्षिण अफ्रीका से यात्रियों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी है। 

    • अमेरिका ने ‘ओमीक्रॉन’ के चलते दक्षिण अफ्रीका और सात अन्य अफ्रीकी देशों के गैर-अमेरिकी नागरिकों की यात्रा पर सोमवार से पाबंदी लगाने का बड़ा ऐलान किया है। 
    • वहीं कनाडा ने भी उन विदेशी यात्रियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिन्होंने बीते 14 दिन में अफ्रीका के दक्षिणी भाग की यात्रा की है।
    • कनाडा सरकार ने यह भी कहा कि बीते 14 दिन में अफ्रीका के दक्षिणी भाग की यात्रा करने वाले सभी कनाडाई नागरिकों की जांच भी अब अनिवार्य होगी। 
    • इसके साथ ही कनाडा ने कहा कि14 दिन में कनाडा आने वाले लोगों को भी पृथक-वास में रहने और कोरोना टेस्ट कराने को कहा गया है।
    • फ्रांस ने भी दक्षिणी अफ्रीकी क्षेत्र से आने वाली सभी उड़ानों को 48 घंटे के लिए निलंबित कर दिया है। 
    • इटली ने भी बीते 14 दिनों में इन दक्षिणी देशों में रहने वाले किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर पुर्णतः प्रतिबंध कगाया है। 
    • नीदरलैंड और चेक गणराज्य का भी इस मुद्दे पर ऐसा ही रुख है।

    क्या कहता है ब्रिटेन 

    बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में इस सप्ताह सामने आए कोरोना वायरस के नए स्वरूप ने दुनियाभर के लिए चिंता पैदा कर दी है। इया पर ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कोविड-19 संबंधी आनुवंशिक अनुक्रमण कार्यक्रम का नेतृत्व करने वाली शेरोन पीकॉक ने कहा कि यह पता करने में अभी कई सप्ताह लगेंगे कि नए स्वरूप के खिलाफ मौजूदा कोविड रोधी टीके प्रभावी हैं या नहीं। साथ ही पीकॉक ने यह भी कहा कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि इस स्वरूप से अधिक घातक बीमारी होती है।