पाकिस्तान

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इस्लामाबाद: पूरी दुनिया जानती है इस वक्त पाकिस्तान कंगाली के दहलीज पर खड़ा है। कर्ज के बोझ तले पाकिस्तान इस तरह से दब गया है कि वहां का एक-एक नागरिक कर्जदार हो गया है। चुनाव के बाद जिसकी भी सरकार बनती है उसके लिए कंगाली से निपटना एक बड़ी चुनौती होगी। कर्ज के इस पहाड़ को कम करना और पाकिस्तान की हालात को सुधारने का प्रयास नये पीएम कैसे करेंगे इसपर सभी की नजरें टिकी हैं। फ़िलहाल जो ताजा स्थिति है उसके मुताबिक पाकिस्तान के हर नागरिक के सिर पर 2,71,624 रुपये का कर्ज लदा है। इस कर्ज के पीछे की जो सबसे बड़ी वजह है वो ये कि पाकिस्तान पर कर्ज 81.2 ट्रिलियन रुपये तक का हो गया है।

कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान

रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में साल 2023 में कर्ज 27 फीसदी बढ़ा है और सिर्फ एक साल में 17.4 ट्रिलियन रुपये का कर्ज में इजाफा हुआ है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने अवगत कराते हुए बताया कि साल 2022-23 के दौरान कर्ज का बोझ ज्यादा बढ़ गया है। जिससे उबरना एक कड़ी चुनौती होगी। बता दें कि पाकिस्तान में करोड़ो खर्च कर के आम चुनाव तो करा लिया, लेकिन अभी तक किसकी सरकार बनेगी ये तय नहीं हो पाया है। ऐसे में जब नये पीएम अपना पद संभालने कुर्सी पर बैठेंगे तो इस मुसीबत से उनका सामना सबसे पहले होगा।

पाकिस्तान ले रहा है कर्ज पर कर्ज  

गौरतलब है कि दिसंबर 2023 में कंगाली की संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को एशियाई विकास बैंक (ADB) से 65.8 करोड़ डॉलर का कर्ज दिया था। इसमें बाजार दर पर 30 करोड़ डॉलर का महंगा ऋण भी शामिल है। वहीं जनवरी महीने में पाकिस्तान ने अपने करीबी सहयोगी चीन से एक साल के लिए दो अरब डॉलर का कर्ज मांगा है। इसके अलावा, सऊदी अरब ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में पांच अरब डॉलर जमा किए हैं। पाकिस्तान के पूर्व वित्त मंत्री शमशाद अख्तर ने देश की सार्वजनिक ऋण की स्थिति को खराब करार दिया था।

1947 से पाकिस्तान को लगी उधारी की लत

आजादी के बाद मोहम्मद अली जिन्ना और उनके समर्थकों ने भारत से अलग होने का फैसला लिया। जिसके बाद उन्होंने एक नया देश पाकिस्तान बना लिया। लेकिन पाकिस्तान बनते ही आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने के लिए पाकिस्तान ने कर्ज लेने की राह चुनी। पाकिस्तान जब से आजाद हुआ है, तब से आईएमएफ से कर्ज ले रहा है। पाकिस्तान आईएमएफ की लिस्ट में पांचवें नंबर का देश था। इसके बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर कर्ज की अर्जी दी है।