Hyderabad man dies fighting for Russia

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मॉस्को: नौकरी के नाम पर एजेंटों की धोखाधड़ी के शिकार हुये और रूस ले जाए गए तथा रूसी सेना के लिए ‘सहायक’ के रूप में काम करने के लिए मजबूर किए गए भारतीयों में से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है, जो हैदाराबाद का रहने वाला था।

मास्को स्थित भारतीय दूतावास ने बुधवार को मौत की पुष्टि की, जिसकी पहचान मोहम्मद अफसान के रूप में हुई है । दूतावास ने कहा कि वे यहां परिवार के संपर्क में हैं। मास्को में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमें एक भारतीय नागरिक श्री मोहम्मद असफान की दुखद मौत के बारे में पता चला है। हम परिवार और रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं। दूतावास उनके पार्थिव शरीर को भारत भेजने का प्रयास करेगा।” 

मीडिया में आईं खबरों मुताबिक रूसी सेना में सुरक्षा सहायक के रूप में भर्ती किए गए कई भारतीयों को यूक्रेन से लगे रूस के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में रूसी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ने के लिए भी मजबूर किया गया है।

पिछले हफ्ते, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने नयी दिल्ली में कहा था कि अधिकारी रूसी सेना के सहायक कर्मचारी के रूप में काम कर रहे लगभग 20 भारतीय नागरिकों की “जल्द कार्यमुक्ति” के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। जायसवाल ने कहा था, “हमारी समझ से लगभग 20 लोग (भारतीय) हैं जो रूसी सेना के साथ सहायक कर्मचारी रूप में काम करने के लिए वहां गए हैं।” 

 संपर्क करने पर अफसान के भाई इमरान ने कहा कि मास्को में भारतीय दूतावास ने परिवार को 30 वर्षीय उसके भाई की मौत के बारे में सूचित किया। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह उसके भाई के शव को वापस लाने में मदद करें। एआईएमआईएम सूत्रों ने बताया कि हाल ही में अफसान के परिवार द्वारा इस संबंध में संपर्क करने के बाद पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मास्को में भारतीय दूतावास से संपर्क किया था। उन्होंने बताया कि दूतावास के एक अधिकारी ने औवेसी को अफसान की मौत की पुष्टि की।