वाशिंगटन. व्हाइट हाउस (White House) ने गुरुवार को कहा कि भारत (India) ने अर्टेमिस संधि (Artemis Accords) में शामिल होने का फैसला किया है तथा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए एक संयुक्त मिशन भेजने पर सहमत हुए हैं। अर्टेमिस संधि असैनय अंतरिक्ष अन्वेषण पर समान विचार वाले देशों को एक मंच पर लाता है।
अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और (अमेरिका के) राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच ओवल ऑफिस में होने वाली बैठक से कुछ घंटे पहले कहा, “अंतरिक्ष (के विषय) पर, हम यह घोषणा करने वाले हैं कि भारत अर्टेमिस संधि पर हस्ताक्षर कर रहा है, जो मानवजाति के फायदे के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण के वास्ते एक साझा दृष्टि को आगे बढ़ा रहा है।”
NASA and Indian Space Research Organisation (ISRO) are developing a strategic framework for Human Spaceflight Operations this year: Senior US Administration officials https://t.co/4HOpeVWMK7
— ANI (@ANI) June 22, 2023
उल्लेखनीय है कि 1967 के बाह्य अंतरिक्ष संधि पर आधारित अर्टेमिस संधि असैन्य अंतरिक्ष अन्वेषण को दिशानिर्देशित करने के लिए तैयार किये गये गैर-बाध्यकारी सिद्धांतों का एक ‘सेट’ है। यह 2025 तक चंद्रमा पर मानव को फिर से भेजने का अमेरिका नीत प्रयास है, जिसका लक्ष्य मंगल और अन्य ग्रहों तक अंतरिक्ष का अन्वेषण करना है।
अधिकारी ने कहा कि नासा और इसरो इस साल मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान के लिए एक रणनीतिक ‘फ्रेमवर्क’ तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा नासा और इसरो 2024 में आईएसएस के लिए एक संयुक्त मिशन पर भी सहमत हुए हैं।