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मुंबई: आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान को उसके ही करीबी देश सऊदी अरब ने एक जोरदार झटका दिया है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी काफी किरकिरी हो रही है। सऊदी अरब ने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की एक बैठक में पाकिस्तान से कहा है कि, ‘वह अपने हज कोटा उम्मीदवारों के चयन में सावधानी बरतें।’ सूत्रों के मुताबिक, सऊदी अरब ने कहा है कि गिरफ्तार किए गए भिखारियों में से 90 प्रतिशत पाकिस्तान से हैं, जो उमरा वीजा पर हैं।

बता दें कि उमरा वीजा हज के दिनों को छोड़कर बाकी किसी भी समय काबा जाने के लिए सऊदी अरब द्वारा किसी भी मुस्लिम को जारी किया जाता है। इसकी कोई निर्धारित सीमा भी नहीं होती। जिसका फायदा उठा कर पाकिस्तानी सऊदी में रोजगार की तलाश में जुट जाते हैं। लेकिन सऊदी में पाकिस्तानी कामगारों के मुकाबले भारतीय और बांग्लादेशी कामगारों को ज्यादा तवज्जो दी जाती है। बेरोजगारी से जूझ रहे लोग या तो जेबकतरे बन जाते हैं या फिर भिखारी।

एक अंदरूनी रिपोर्ट के मुताबिक अन्य देशों में गिरफ्तार किए गए ’90 फीसदी भिखारी’ पाकिस्तानी मूल के थे। कई भिखारियों ने सऊदी अरब, ईरान और इराक की यात्रा के लिए उमरा वीजा का फायदा उठाया था। सऊदी इस बात से भी नाराज है कि पाकिस्तान के ये लोग अरब वीजा पर नहीं, बल्कि उमरा वीजा पर जाते हैं। अरब लोग कुशल श्रमिक के रूप में उन पर भरोसा नहीं करते हैं। इसके लिए वे भारतीय और बांग्लादेशी कामगारों पर अधिक निर्भर रहते हैं। सऊदी में ये आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से अरब ने पकिस्तान को ये सख्त संदेश दिया है।