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Pic: Hindustan Times

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नई दिल्ली/रबात, जहां एक तरफ मोरक्को में बीते शुक्रवार रात भीषण भूकंप के कारण कम से कम 296 लोगों की मौत हो गई और ऐतिहासिक मराकेश शहर से लेकर एटलस पर्वत पर स्थित गांवों तक कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। वहीं देश के गृह मंत्रालय ने शनिवार तड़के बताया कि भूकंप के कारण कम से कम 296 लोगों की मौत हो गई है और 153 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

मंत्रालय ने बताया कि सबसे अधिक नुकसान शहरों और कस्बों के बाहर हुआ है। तलत एन’याकूब शहर के प्रमुख, अब्दर्रहमान ऐत दाउद ने मोरक्को की समाचार साइट ‘2एम’ को बताया कि अल हौज क्षेत्र के कस्बों में कई घर आंशिक रूप से या पूरी तरह से ढह गए, कुछ स्थानों पर बिजली आपूर्ति ठप हो गई और सड़क मार्ग बाधित हो गए। ऐत दाउद ने बताया कि प्राधिकारी प्रांत में सड़कों को साफ कर रहे हैं, ताकि एम्बुलेंस वहां से गुजर सकें और प्रभावित आबादी को सहायता मुहैया कराई जा सके। उन्होंने कहा कि पर्वत पर स्थित गांवों के बीच अत्यधिक दूरी के कारण नुकसान का आकलन करने में समय लगेगा। 

वहीं मोरक्को में आए भूकंप के बाद PM नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि, “मोरक्को में भूकंप के कारण हुई जानमाल की हानि से अत्यंत दुख हुआ है।  इस दुखद घड़ी में मेरी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ हैं।  उन लोगों के प्रति संवेदना, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है।  घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।  भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। “

मोरक्को वासियों ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो साझा किए हैं, जिनमें इमारतें ढहकर मलबे में बदली दिखाई दे रही हैं और चारों तरफ धूल नजर आ रही है। मोरक्को के ऐतिहासिक शहर मराकेश के चारों ओर बनी प्रसिद्ध लाल दीवारों के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मराकेश यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन) के विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने बताया कि रात 11 बजकर 11 मिनट पर आए भूकंप की प्रारंभिक तीव्रता 6.8 थी और भूकंप बाद के झटके कई सेकंड तक जारी रहे। मोरक्को के राष्ट्रीय भूकंपीय निगरानी एवं चेतावनी नेटवर्क ने रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता सात मापी। अमेरिकी एजेंसी ने 19 मिनट बाद 4.9 तीव्रता का भूकंप के बाद का झटका आने की सूचना दी।

यूएसजीएस ने बताया कि भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 18 किलोमीटर गहराई में था, जबकि मोरक्को की एजेंसी के मुताबिक, इसका केंद्र आठ किलोमीटर गहराई में था। शुक्रवार को आए इस भूकंप का केंद्र मराकेश से लगभग 70 किलोमीटर दक्षिण में एटलस पर्वत की चोटी पर था। उत्तरी अफ्रीका में भूकंप अपेक्षाकृत कम आते हैं। ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स’ में भूकंपीय निगरानी और चेतावनी विभाग के प्रमुख लाहकन म्हन्नी ने ‘2एम’ टीवी से कहा कि यह भूकंप ‘‘अभूतपूर्व” था। 

उन्होंने कहा, “पवर्तीय क्षेत्रों में आमतौर पर इतनी तीव्रता के भूकंप नहीं आते। यह क्षेत्र में आया अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप है।” मोरक्को के अगादिर शहर के पास 1960 में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके कारण हजारों लोगों की मौत हो गई थी। इस भूकंप के बाद मोरक्को में निर्माण संबंधी नियमों में बदलाव किया गया था, लेकिन कई इमारतें, खासकर गांवों में घर भूकंप रोधी नहीं हैं। ‘पुर्तगीज इंस्टीट्यूट फॉर सी एंड एटमॉस्फियर’ और अल्जीरिया की नागरिक सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, भूकंप के झटके पुर्तगाल और अल्जीरिया तक महसूस किए गए।