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    वाशिंगटन: अमेरिका ने श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण जारी अशांति के बीच इस द्वीपीय देश की यात्रा को लेकर अपने नागरिकों को आगाह किया है। अमेरिका ने कोविड-19 महामारी, आतंकवादी खतरों के अलावा ईंधन तथा दवा की कमी की ओर इशारा करते हुए बुधवार को अपने नागरिकों को आगाह किया।  

    ब्रिटेन से 1948 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंकाई लोग लंबे समय से बिजली कटौती और गैस, खाद्य पदार्थों तथा अन्य बुनियादी चीजों की कमी को लेकर हफ्तों से विरोध कर रहे हैं। जनता के गुस्से ने लगभग सभी कैबिनेट मंत्रियों को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया और अब श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे पर भी लगातार पद छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है।  

    विदेश मंत्रालय ने अपने नए परामर्श में श्रीलंका को स्तर-3 में रखा है। परामर्श में कहा गया, ‘‘कोविड-19, ईंधन तथा दवाओं की कमी पर गौर करते हुए श्रीलंका की यात्रा करने पर पुनर्विचार करें। आतंकवादी खतरों के कारण सैन्य अभ्यास बढ़ा दिए गए हैं।” रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने कोविड-19 के कारण श्रीलंका के लिए स्तर-3 यात्रा संबंधी स्वास्थ्य नोटिस जारी किया है, जो देश में कोविड-19 के अत्यधिक खतरे की ओर इशारा करता है।

    नोटिस में कहा गया, ‘‘यदि आपने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा अधिकृत टीके लगावा लिए हैं, तो आपके संक्रमित होने या संक्रमित होने पर भी गंभीर लक्षण विकसित होने का खतरा कम है। कृपया, टीके लगवा चुके और बिना टीकाकरण वाले यात्रियों के संबंध में सीडीसी के विशिष्ट सुझावों पर गौर करें।”  

    विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश में आर्थिक संकट के कारण श्रीलंका, ईंधन तथा रसोई गैस के साथ-साथ कुछ दवाओं और आवश्यक खाद्य पदार्थों की कमी का भी सामना कर रहा है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘ हालही में, आर्थिक संकट को लेकर विरोध प्रदर्शन हुए हैं और गैस स्टेशन, किराना की दुकानों तथा कुछ दवा की दुकानों के बाहर लंबी कतारें भी देखी गईं। पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर शांतिपूर्ण ही रहे। हालांकि, कुछ स्थानों पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें की और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।”  

    मंत्रालय ने कहा कि पूरे द्वीप राष्ट्र में रोजाना बिजली कटौती भी हो रही है। यात्रियों को मौजूदा स्थिति पर अद्यतन जानकारी के लिए स्थानीय मीडिया की खबरें देखनी चाहिए। यात्रा परामर्श में कहा गया कि आतंकवादी मामूली या बिना किसी चेतावनी के पर्यटन स्थल, परिवहन केंद्रों, बाजारों, शॉपिंग मॉल, सरकारी संस्थानों, होटल, क्लब, रेस्तरां, धार्मिक स्थलों, पार्क, प्रमुख खेल केंद्रों, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं शैक्षणिक संस्थानों, हवाई अड्डों, अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों पर हमला कर सकते हैं। गौरतलब है कि श्रीलंका इस समय सबसे बदतर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। देश में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन और रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की किल्लत हो गई है। प्रतिदिन कई घंटों तक बिजली कटौती हो रही है। 

    श्रीलंका की सरकार ने बुधवार को कहा था कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे किसी भी परिस्थिति में इस्तीफा नहीं देंगे और वह मौजूदा मुद्दों का सामना करेंगे। राजपक्षे ने देश के बदतर आर्थिक संकट को लेकर हुए व्यापक विरोध प्रदर्शनों और अपने इस्तीफे की मांग के चलते एक अप्रैल को देश में आपातकाल लगा दिया था। सरकार ने आपातकाल लगाने के राजपक्षे के निर्णय का भी बचाव किया, जिसे बाद में हटा लिया गया। (एजेंसी)