
नई दिल्ली: इंसान के शरीर में सबसे अहम अंग दिल (Heart) के बिना इंसान का जीवित रहना असंभव है, लेकिन एक शख्स बिना दिल के कुछ घंटे नहीं बल्कि पूरे 555 दिन ज़िंदा रहा। स्टेन लार्किन (Stan Larkin) नाम का शख्स दिल की बिमारी से पीड़ित (Victim) था जिसके चलते उनका जीवन आम इंसानों के जीवन से काफी अलग रहा।
वर्ष 2016 में जब लार्किन की उम्र 25 साल थी तब उन्हें अपना दिल मिला, इससे पहले, उन्होंने एक डोनर का इंतजार करते हुए एक सिंकआर्काडिया डिवाइस यानी आर्टिफीशियल दिल की मदद से अपनी ज़िन्दगी बचाए रखा। इस आर्टिफीशियल दिल की तरह काम करने वाले डिवाइस को उन्होंने अपने साथ 555 दिनों तक पीठ पर बांधे रखा।
साइंस डेली की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आर्टिफीशियल हार्ट तब काम आता है जब दिल की विफलता के दोनों पक्ष और अधिक सामान्य-हृदय सहायक उपकरण रोगी को जीवित रखने के लिए पर्याप्त नहीं होते हैं। लार्किन ने कहा, “यह आर्टिफिशियल हार्ट मेरे जीवन को वापस लाया।एक
न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार, लार्किन के अलावा उनके बड़े भाई कार्डियोमायोपैथी से पीड़िक हैं। ये हार्ट की मांसपेशियों की एक वंशानुगत बीमारी है जिससे दिल को शरीर में रक्त पहुंचाने में दिक्कत होती है और इससे हार्ट बीट रुक सकती है।