Taliban made its stand clear on women's education and jobs, Foreign Minister Amir Khan Muttaqi said - committed in principle
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    काबुल: तालिबान (Taliban) की अफगानिस्तान (Afghanistan) में सरकार गठन के बाद नए नियम और कानून लागू होने लगे हैं। इसी कड़ी में अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत में नाइयों (Barbers) को अब पुरुषों की दाढ़ी (Beard) काटने की इजाज़त नहीं है। इसी के साथ बारबर शॉप में म्युज़िक (Music) बजाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। नए नियम तालिबान की इस्लामी शरिया कानून की सख्त व्याख्या के आधार पर अफगानिस्तान के लोगों पर लगाए गए प्रतिबंधों की एक श्रृंखला में नवीनतम को चिह्नित करते हैं।

    सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि, “आपको तत्काल सूचित किया जाता है कि, आज से नाई की दुकान और सार्वजनिक स्नानागार में दाढ़ी मुंडवाना और संगीत बजाना मना है।” रिपोर्ट के अनुसार, आदेश में आगे कहा गया है कि, “अगर कोई नाई की दुकान या सार्वजनिक स्नानागार में किसी की दाढ़ी मुंडवाते या संगीत बजाते हुए पाया जाता है तो उनके साथ शरिया सिद्धांतों के अनुसार निपटा जाएगा और उन्हें शिकायत करने का अधिकार भी नहीं होगा।”

    हालांकि तालिबान ने कहा था कि, अबकी सरकार में उनके पिछले समय की तुलना में उनका शासन नरम होगा, अगस्त में सत्ता पर कब्जा करने के बाद से कठोर कार्रवाई की कई खबरें आई हैं जिसमें पत्रकारों को हिरासत में लेना और हमला करना और चाबुक का इस्तेमाल शामिल है। 

    इससे पहले, तालिबान के वरिष्ठ नेताओं में से एक और तालिबान के फाउंडर मेंबर मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी (Mullah Nooruddin Turabi) ने कहा है कि, ऐसी सज़ाएं देने से लोगों में खौफ बना रहता है और जुर्न करने से पहले लोग दो बार सोचते हैं।

    न्यूज़ एजेंसी AP को दिए गए एक इंटरव्यू में तुराबी ने कहा, दूसरे कई देशों में भी जुर्म के खिलाफ सख्त कानून हैं, हम इसका विरोध नहीं करते लिहाज़ा हमारे कानून पर भी किसी को अप्पत्ति नहीं होनी चाहिए। अपने इस इंटरव्यू में तुराबी ने कहा कि, गलती या जुर्म करने वालों को मौत की सजा और शरीर के अंग काटने जैसी सज़ाएं दी जाएंगी लेकिन इस बार शायद ऐसी सज़ाएं सार्वजनिक रूप से नहीं दी जाएगी। हाथ काटना जैसी सजा देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है।

    तुराबी ने कहा, इस तरह की सजा से लोगों में खौफ बरकरार रहता है। तालिबान की सरकार इस पर सोच-विचार जारी रखे हुए है कि, गुनाहों के लिए ऐसी सजाएं सार्वजनिक तौर पर दी जाएं या फिर नहीं, हम जल्द इसका मसौदा तैयार कर लेंगे।