It will take more time for Pakistan to get out of the gray list of FATF, because of this it may remain in the list for four more months.
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    इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को दावा किया कि अशांत दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में हाल में हुए घातक हमलों में शामिल आतंकवादियों को विदेशी समर्थन प्राप्त था। पिछले हफ्ते प्रांत के नौशकी और पंजगुर इलाकों में बलूच विद्रोहियों द्वारा किए गए हमले के बाद हुई झड़पों और परिणामस्वरूप चलाये गये अभियान में कम से कम नौ सैनिक और 20 आतंकवादी मारे गए थे। प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमलों की जिम्मेदारी ली है। अलगाववादी संगठन ने हाल ही में सुरक्षा बलों और प्रतिष्ठानों पर हमले तेज कर दिए हैं।

    सुरक्षा बलों ने दावा किया था कि संघर्ष के दौरान उन्होंने आतंकवादियों और अफगानिस्तान तथा भारत में बैठे उनके आकाओं के बीच हुई बातचीत को इंटरसेप्ट किया था। पहले भी, भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान में कुछ आतंकी हमलों में भारत के शामिल होने के आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि “सबूत” के तथाकथित दावे उनकी कल्पना की उपज हैं।

    प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ मंगलवार को नौशकी का दौरा किया, जहां हमले में एक अधिकारी समेत चार जवान शहीद हो गए थे। खान ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘बलूचिस्तान में आतंकवादी हमलों में विदेशी फंडिंग शामिल है, लेकिन अराजकता फैलाने वालों को इससे कुछ नहीं मिलेगा।”

    उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि ये आतंकवादी पाकिस्तान में कभी सफल नहीं होंगे।” खान ने फ्रंटियर कॉर्प्स और रेंजर्स के अर्धसैनिक बलों के जवानों के वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि की भी घोषणा की, जो बलूचिस्तान और पड़ोसी सिंध प्रांत में उग्रवाद से लड़ने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सबसे आगे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान सरकार बलूचिस्तान के विकास के लिए परियोजनाएं चला रही है।

    उन्होंने कहा कि 60 अरब अमेरिकी डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना का दूसरा चरण औद्योगीकरण और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जिसका सीधा फायदा बलूचिस्तान को होगा। पाकिस्तानी सेना ने अलग से जारी एक बयान में कहा कि जनरल बाजवा ने सैनिकों के साथ दिन बिताया और दो फरवरी को हमले को नाकाम करने वाले जवानों से भी मुलाकात की। उन्हें क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति के साथ-साथ सैनिकों की परिचालन तैयारियों के बारे में भी जानकारी दी गई। (एजेंसी)