Tank of Russian soldiers who arrived in Ukraine trapped in the crowd, civilians encircled, watch video
फाइल फोटो

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    प्रेज्मिस्ल: यूरोप और अन्य हिस्सों में करीब 20 लाख यूक्रेनी शरणार्थी फैले हुए हैं, जिनमें से कुछ शरणार्थियों ने जो आंखों देखी सुनाई है उससे युद्ध अपराध का मामला बन सकता है। शरणार्थियों ने कहा कि रूसी सुरक्षा बल गोलीबारी करके नागरिकों को मार रहे थे। 

    रूसी सेना के हमले के कारण यूक्रेन से पलायन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। यूक्रेन से पलायन करने वालों में इहोर दीकोव भी हैं, जो कीव के बाहर लकड़ी के बने अस्थायी पुल के जरिये इरपिन नदी पार करके किसी प्रकार अपनी जान बचाने में सफल रहे। पक्के पुल को यूक्रेन की सेना ने रूसी सैनिकों को रोकने के लिए उड़ा दिया है। 

    स्थिति को भयावह बताते हुए दीकोव ने कहा कि सीमा पार करते समय उन्होंने गोलीबार की आवाज सुनने के साथ सड़क किनारे पड़ी लाशों को भी देखा। दीकोव ने कहा, ‘‘रूसियों ने गलियारा (मानवीय) उपलब्ध कराने का वादा किया, लेकिन इसका पालन नहीं किया। वे गोलीबारी करके नागरिकों को मार रहे थे।” दीकोव ने कहा कि यह निर्विवाद रूप से सच है और खुद वह इसके गवाह हैं। दीकोव अकेले नहीं है, कई अन्य शरणार्थियों ने मौत को अपनी आंख से देखा है। 

    दो हफ्ते पहले रूसी सेना के हमले के बाद से अब तक यूक्रेन में हजारों लोगों (सैनिक और नागरिक) के मारे जाने की बात कही जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि तटवर्ती शहर मारियुपोल में 1,200 नागरिक मारे गए हैं। इनमें से तीन लोगों की मौत बच्चों के अस्पताल पर बमबारी के कारण हुई। 

    यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव के अभियोजक कार्यालय ने बताया कि वहां 282 नागरिक मारे गए हैं, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने बुधवार को कहा कि उसने यूक्रेन में रूस के आक्रमण के बाद से दो सप्ताह में 37 बच्चों सहित 516 नागरिकों की मौत दर्ज की है। माना जा रहा है कि वास्तविक मौतों की संख्या काफी अधिक हो सकती है। 

    इस बीच कुछ शरणार्थियों ने मौत को खुद देखा है। इनकी गवाही नागरिकों और अस्पतालों तथा घरों जैसी नागरिक संरचनाओं को लक्षित करने के लिए रूस को जवाबदेह ठहराने के लिहाज से अहम साबित होगी। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के अभियोजक ने पिछले हफ्ते एक जांच शुरू की, जो उन वरिष्ठ अधिकारियों को निशाना बना सकती है जिन्हें युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार समझा जा रहा है। 

    इस बीच कुछ देशों ने शरणार्थियों के लिए नियमों में ढील दी है। ब्रिटेन ने कहा कि मंगलवार से पासपोर्टधारी यूक्रेन निवासियों को अब उंगलियों के निशान देने के लिए वीजा आवेदन केंद्र तक जाना नहीं होगा। यूक्रेन से पोलैंड पहुंचीं दो बच्चों की मां अन्ना पोटापोला ने कहा, ‘‘मैं डरी हुई हूं, यूक्रेन छोड़ते समय मेरे बच्चों ने मुझसे पूछा था कि क्या हम बचेंगे?”(एजेंसी)