Farmer Sanjay Tidke gave 11 thousand rupees in Chief Minister's aid fund. Help fund

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वणी. कोरोना के चलते बैंड-बाजा और बारात पर प्रतिबंध के चलते मातंग समाज के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया हैं. समाज के परिवारों का पूरा जीवन दूसरों की खुशियों के समय बैंड और ढोल बजाने में निकल जाता हैं. प्रशासन ने सभी तरह के आयोजनों पर भी प्रतिंबध लगा दिया है. अब हालात यह है कि कोई बुकिंग भी नहीं आ रही. अप्रैल में शुरू होने वाले शादी समारोह 3 माह तक जारी रहते हैं. इस वर्ष पूरा मौसम लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया. नटराज बैंड पार्टी के संचालक महादेव जाधव का कहना है कि उनके पास 3 टोलियां हैं. एक ग्रुप में 12 से 15 आदमी हैं. एक बैंड से करीब 50 आदमी जुड़े हैं. जिलेभर मे करीब 50 से अधिक बैंडवाले हैं, जिन पर रोजी रोटी पर संकट आन पड़ा हैं. एक सीजन में 35-40 बुकिंग मिलती हैं. तीन महीने की कमाई से ही 6 महीने का खर्च चलता हैं. इस सीजन में तो कोई काम नहीं हुआ, जिससे विवाह के आयोजन से जुड़े लोगों की हालत खराब हो गई हैं. वहीं डीजे संचालक ने बताया कि एक सीजन में 20 से 25 शादियों में बाजा बजाने काम मिल जाता था, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से हमारा ही बाजा बज गया है. अब तो नवंबर का इंतजार है. इस चालू सीजन के सभी बुकिंग कैंसिल हो गई हैं. वणी शहर में रहने वाले मातंग समाज के सैकड़ों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

नहीं मिल रहा काई काम
चौथे चरण के लॉकडाउन में आयोजनों पर रोक कायम होने के कारण उन्हें काम नहीं मिल पा रहा है. लॉकडाउन के पहले मौसम में इतनी बुकिंग थी कि घर पर बैठ नहीं पाते थे. लेकिन अब हालात बदल गए है. बुकिंग करना तो दूर, लोगों ने हमारे पास आना छोड़ दिया है. काम नहीं होने के कारण बैंड पार्टी के दूसरे सदस्य भी दूसरा कामधंधा ढूंढ रहे हैं.