- सेवा में नियमित करें, सहायक प्राध्यापक, वैद्यकिरी भी शामिल
यवतमाल. राज्य के वैद्यकिय महाविद्यालय में 120 दिनों की आर्डर लेकर कार्यरत सहायक प्राध्यापक व वैद्यकिय अधिकारियों ने काली फीता लगाकर कामबंद आंदोलन छेड दिया है. सेवा में नियमत करने की मांग को लेकर राज्य के 650 डाक्टरों ने गुरूवार को अधिष्ठाता कार्यालय के सामने निदर्शन प्रदर्शन किया.
वैद्यकिय महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक 450 डाक्टर कार्यरत है. इन डाक्टरों को सरकार सुविधा के तौर पर इस्तमाल करते है. भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (एमसीआई) जांच दल आने के पश्चात ठेका सहायक प्राध्यापकों को दिखाकर एमबीबीएस सीटों को मंजूरी ली जाती है.
अब राज्य में नये से वैद्यकिय महाविद्यालय हो रहे है. अधिव्याख्यातों की राज्य में 573 पद रिक्त है. उसके बाद भी सरकार अस्थायी सहायक प्राध्यापकों पर अन्याय कर रहा है, एमबीबीएस व एमडी की उपाधि लेने के लिए 32 वर्ष लगेंगे, यह उपाधि लेकर भी उनकी अवहेलना की जा रही है.
कोरोना महामारी के संकट काल में सहायक प्राध्यापक व वैद्यकिय अधिकारी सेवा दे रहे है. उन्हें सरकारी सेवा में नियमित करने, सिर्फ 120 दिनों की आर्डर लेकर की जानेवाले अन्याय को रोके यह प्रमुख मांगे की है.
राज्य के सभी मेडिकल में कार्यरत अस्थायी डाक्टरों ने गुरुवार व शुक्रवार को लाक्षणिक आंदोलन कर प्रदर्शन किया. सरकार इसकी समय में दखल नहीं लेता है तो 1 नवंबर से समूचे राजय में काम बंद आंदोलन छेडने की चेतावनी भी अस्थायी डाक्टर संगठन ने दी है.