टिपेश्वर अभयारण्य पर्यटकों के लिए 3 महिने रहेगा बंद

Loading

यवतमाल. बाघ का हमखास दर्शन देनेवाला टिपेश्वर वन्यजीव अभयारण्य अब बारीश की वजह से 3 माह के लिए बंद रहेगा. अक्तुबर माह में यह अभयारण्य फिर से सैलानीयों के लिए शुरू होगा. टिपेश्‍वर अभयारण्य यह क्षेत्र बाघ की दृष्टी से काफी महत्वपूर्ण और संरक्षीत क्षेत्र है.  यवतमाल जिले में प्रकृति ने काफी मेहरबानी की है. जिले के दक्षिण क्षेत्र में टिपेश्‍वर अभयारण्य है. पांढरकवडा और घाटंजी तहसील में आनेवाले यह अभयारण्य 148.29 चौरस किलोमीटर व्याप्त है.

अभयारण्य में पट्टेदार बाघ की संख्या अधिक है. साथही बिबट, लोमडी, सांबर, चितल, अस्वल, जंगली श्वान, मोर, जंगली बिल्ली, निलगाय, राईंदर, बंदर और अन्य  प्राणीयों की संख्या अधिक है. रोही जैसे प्राणी की संख्या यहा काफी है. इस अभयारण्य में  विविध वनस्पती उपलब्ध है. कई जगह जिवाश्म पाए जाते है.  देशी-परदेशी स्थलांतरीत पक्षी भी यहा आते है. इसलिए कई सैलानी यहा आते है. लेकिन इसबार कोरोना के लॉकडाऊन दौरान यह अभयारण्य बंद था. आखिर कुछ दिनों के लिए यह अभयारण्य खोला गया. लेकिन पर्यटकों की संख्या काफी कम थी. 30 जून के बाद अब यह टिपेश्वर अभयारण्य आगामी 3 माह के लिए बंद रहेगा. अभयारण्य के रास्ते यह मजबुत नही है. इसलिए बरसात में यहा किचड होता है. इसलिए यहा वाहनों से यहा की जैवविविधता को खतरा निर्माण हो सकता है.

साथही वन्यजीवों को भी खतरा रहता है, वनमजदुर गश्त नही लगा पाते, यह काल वन्यजीवों के प्रजनन का रहता है. इसलिए उन्हे भी तकलीफ ना हो इसलिए आगामी 3 माह के लिए  सुन्ना और माथणी प्रवेशद्वार अब पर्यटकों के लिए बंद रहेगा.