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 यवतमाल. धनगर समाज संघर्ष समिति जिला यवतमाल द्वारा राज्य के मुख्यमंत्री को स्थानीय जिलाधिकारी द्वारा धनगर समाज के आरक्षण विषय में ज्ञापन सौंपा है. महाराष्ट्र में धनगर एसटी आरक्षण का मुद्दा पिछले 70 वर्षों से लंबित है. धनगर एक अन्यायपूर्ण और दयनीय जीवन जी रहा है क्योंकि ‘धनगर’ केवल ‘धनगर’ के बजाय लिखा जाता है. समाज का संयम टूट रहा है.

कोरोना की कठिन स्थिति में भी, कोई विकल्प नहीं बचने से सांसद डा. विकास महात्मे और गोपीचंद पडलकर के नेतृत्व में आज राज्य भर में ‘ढोल बजाओ’ आंदोलन किया गया. महाराष्ट्र में धनगर जनजाति के लिए तत्काल एसटी आरक्षण किया जाना चाहिए और राज्य के बजट में धनगर जनजाति के लिए बनाई गई एक हजार करोड़ की योजनाओं को लागू किया जाना चाहिए.

धनगर समुदाय पर लागू होने वाले आदिवासी समुदाय की 22 योजनाओं को तुरंत लागू किया जाना चाहिए, चरवाहों के चरागाह के लंबित मुद्दे को हल किया जाना चाहिए, छात्रों के लिए छात्रालय स्थापित की जानी चाहिए, बारटी और सारथी की तर्ज पर धनगर समुदाय के लिए अलग संस्थानों की स्थापना की जानी चाहिए.

विदेश में अध्ययन करने के लिए धनगर समुदाय के छात्रों के लिए अलग छात्रवृत्ति की मांग के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा गया था.उपरोक्त सभी मुद्दों को हल करने और धनगर एसटी आरक्षण सहित सभी लंबित मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए आज एक बयान जारी किया गया. इस अवसर पर श्रीधर मोहोड़, डा. संदीप धवने, पांडुरंग खांडवे, वसंतराव ढोके, संजय शिंदे, रेणुताई शिंदे, पवन थोटे, दीपक पुंसे, धनगर समाज महिला संघर्ष समिति के डा. प्रियंका धवने, शोभा पुंसे, संगीता सिंगर, कल्पना मोहोड़, माला पुंस, निलेश गाहे आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे.