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नागपुर. सिटी के आंतरीक और बाहरी क्षेत्रों में स्मार्ट प्रोजेक्ट के तहत सड़कों के सीमेंटीकरण तो किया जा रहा है, लेकिन पर्यायी सड़क की व्यवस्था को लेकर प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा. इसका जिता जागता उदाहरण हिंगना की मुख्य सड़क पर देखा जा सकात है. ठेकेदारों और पीडब्ल्यूडी विभाग की लापरवाही के कारण यह सड़क मौत की सड़क बन गई है.

हिंगना रोड सीआरपीएफ कैप रोड से लेकर टोल नाके के आगे तब सड़क के सीमेंटीकरण का काम जारी है. पिछले वर्ष से इस मार्ग पर निर्माण कार्य जारी है. लगभग एक वर्ष होने के बाद भी सड़क सीमेंटीकरण का 10 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हुआ है. एक तरफ निर्माण कार्य दूसरी तरफ गड्ढों की भरमार और किचड से सने रोड होने के कारण वाहन चालकों को कई परेशानियों का सामना करना पड रहा हैं. सही माने तो इस रास्ते से गुजरना अपनी मौत को दावत देने से कम नहीं है. इस परिसर के नागरिकों पहले तो मेट्रो निर्माण के कारण और इसके बाद अब सड़क निर्माण के कारण धुल मिट्टी, किचड़, धुल के गुबार से जुंझना पड रहा है.

फंस रही एम्बूलेंस

एक व्यक्ति ने बताया कि कुछ दिन पहले उसके पिता को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. उसने तुरंत एम्बूलेंस मंगवाई. एम्बूलेंस में अपने पिता को लेकर वह लता मंगेशकर अस्पताल उपचार के लिए जा रहा था. इस दौरान टोल नाका से कुछ ही दूरी पर उसकी एम्बूलेंस गड्ढें में फंस गई. ऐसे में सभी को निचे उतरकर धक्का मारते हुए एम्बूलेंस को बाहर निकालना पडा. किचड़ के कारण एम्बूलेंस को बाहर निकालना बेहद मुश्किल हो गया था. ऐसे में एक कार चालक ने अपनी गाड़ी को रस्सी बांधकर एम्बूलेंच को गड्ढें से बाहर निकाला. घर से लेकर अस्पताल तक कई बार गड्ढों से एम्बूलेंस के उछलने से उनके कमर में भी दर्द शुरू हो गया. एक बीमार व्यक्ति इस मार्ग से ले जान मतलब यमराज के पास पहुंचाने के बराबर है. 

हर दिन लंबा ट्राफिक जाम

सीमेंटीकरण कार्य के चलते पर्यायी सड़क से ही वाहनों की आवाजाही जारी है. वहीं इस मार्ग से 24 घंटे भारी वाहनों की यातायात जारी रहती है. देखा जाए तो हिंगना टी प्वाइंट से ही सड़क की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि हर 50 मीटर पर गड्ढें के कारण ब्रेक लगाना पड़ता है. सीआरपीएफ रोड के पास से टोल नाका के आगे की परिस्थिति तो और भी भयानक है. यहां एक साइड में सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है. महीनों से काम चलने के बाद भी अब तक सिर्फ 10 प्रतिशत ही काम हुआ है. पर्यायी सड़क की मरम्मत करने की जिम्मेदारी सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार की है. बावजूद इसके पर्यायी सड़क की व्यवस्था को सूधारा नहीं जा रहा. इसके अलावा ट्राफिक पुलिस टी प्वाइंट पर वाहनों की कार्रवाई के कारण वाहनों को जाम लग जाता है.

जान हथेली पर रख चला रहे वाहन

बीच-बीच में न जाने किस काम के लिए मिटी डालकर बड़े और उंचे ब्रेकर बना दिये गए है. यह ब्रेकर हर 100 मीटर की दूरी पर बने हुए है. इतना ही नहीं ब्रेकर पर भी गहरे गड्ढें हो चुके है. ब्रेकर के कारण इस मार्ग से गुजरने वाली कार को भारी नुकसान हो रहा है. बारीश के कारण गड्ढों में पानी जमा हो गया है. डामर तो जैसे रास्ते पर बचा ही नहीं. टोल नाके पर एक हिस्सा सड़क निर्माण के कारण बंद है दूसरे मार्ग से दो तरफा यातायात जारी है. नाके के पास इतनी ही जगह बची है कि वहां से केवल एक कार ही निकल सके. बारीश के कारण यहां भी किचड फैला रहता है. ऐसे में किसी भी समय लोगों के साथ भयानक हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है. स्थानीय नागरिकों को हर दिन अपनी जान हथेली पर रखकर यहां से गुजरना पड रहा है.