Hingna Fire, nagpur

  • कई उद्योग चल रहे हैं पुराने ढर्रे पर
  • समय के साथ नहीं हो रहे अपग्रेड
  • 1250 से अधिक उद्योग हैं शुरू हालत में

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नागपुर. मंगलवार की दोपहर एमआईडीसी हिंगना में स्पेसवुड फर्नीचर कारखाना में लगी भीषण आग से सब-कुछ तबाह हो गया है. इससे सबक लेने की जरूरत है. खासकर उन उद्योगों को जहां पर बायलर का इस्तेमाल होता है. उद्यमियों को यह सोचने का समय आ गया है कि पुराने उद्योगों का सुरक्षा आडिट किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा किसी ओर उद्योग में न हो सके. हिंगणा एमआईडीसी क्षेत्र में 1250 से अधिक छोटे-बड़े उद्योग हैं, जो कि चालू हालत में है.

आग से तबाह हुए स्पेसवुड फर्नीचर कारखाना तो सभी संसाधनों से लेस था, लेकिन लकड़ी होने के चलते आग ने जमकर तबाही मचाई. इस कारखाने की तरह ही यहां पर केमिकल सहित विविध तरह के उद्योग हैं. उद्योगों के साथ-साथ यहां पर विविध कम्पनियों के गोदाम भी बड़े पैमाने पर हैं. कई छोटे उद्योगों में तो अग्नि सुरक्षा के भी इंतजाम नहीं हैं, वहीं बड़े उद्योगों में अग्निसुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है. जैसे है वैसे चलने दो की नीतियां उद्योग क्षेत्र में देखी जा रही है.

नहीं किये जाते हैं पुख्ता इंतजाम

एमआईडीसी क्षेत्र में कई तरह की एनओसी लेने के बाद जैसे-तैसे उद्योगों की शुरुआत तो हो जाती है, लेकिन समय निकलने के बाद भी उन एनओसी का नवीनीकरण नहीं किया जा जाता. इसी का खामियाजा उद्योगों के साथ वहां काम करने वाले कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है. आज भी कई उद्योग ऐसे चल रहे हैं, जिनमें सुरक्षा के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. उनमें सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों को लेकर उदासीनता बरती जा रही है. उद्योजकों को पता है कि एक छोटी सी चिंगारी भी उद्योगों को तबाह कर सकती है. इसके बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता है. वहीं अग्नि विभाग भी एनओसी देने के बाद उद्योगों की जांच करना भूल जाता है. विभाग की ढिलाई के चलते ही बहुत से उद्योजक सुरक्षा के इंतजामों को लेकर कोताही बरतते हैं.  

लेनी पड़ती है एनओसी

जानकारी के अनुसार उद्योग लगाने से पहले दमकल विभाग के साथ-साथ एमआईडीसी के अग्निशमन विभाग से एनओसी लेनी पड़ती है. पर्याप्त इंतजाम करने के बाद एनओसी जारी की जाती है. इसे हर वर्ष नवीनीकरण कराना पड़ता है. नवीनीकरण न कराने पर एनओसी निरस्त समझी जाती है. लेकिन उद्योजक हैं कि नियमों को ही धता बता देते हैं. कई उद्योगों में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं. बावजूद इसके उद्योजक एनओसी के नवीनीकरण को लेकर गंभीरता नहीं दिखाते हैं. आज विभाग यदि एनआईडीसी क्षेत्र में उद्योगों का निरीक्षण करेगा तो उसे ऐसे कई उद्योग मिल जायेंगे, जिन्होंने एनओसी का पुन: नवीनीकरण नहीं कराया होगा. क्षेत्र के लघु उद्योग तो आग से बचाव को लेकर संजीदा ही नजर नहीं आते.

आसपास लगा रहता है कचरे का ढेर

एमआईडीसी क्षेत्र में कचरे का ढेर तो आज आम बात हो गई है. उद्योगों के आसपास ही इतना कचरा पड़ रहता है, जिसकी कोई सफाई नहीं होती. यह कचरा भी तबाही का एक कारण बन सकता है. एमआईडीसी में जमा होने वाले कचरे को लेकर भी उदासीनता साफ नजर आती है. उद्योग से अधिक हिंगना एमआईडीसी कचरा एमआईडीसी नजर आती है. कचरा संकलन का कोई इंतजाम यहां पर नहीं किया जा रहा है. यहां के हर एक उद्योगों के पास कचरे का ढेर पड़ रहता है.