वर्धा. केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वर्धा जिले में चार अलग-अलग रेलवे मार्ग के काम शुरू है़ इन मार्गों के लिए जमीन अधिग्रहण के प्रस्ताव रेलने ने प्रस्तुत करने चाहिए़ इसके साथ ही भूमि अधिग्रहण के कार्य को गति देने के निर्देश दिए़ विश्रामगृह में रेलवे मार्ग से संबंधित भूमि अधिग्रहण का जायजा लिया.
जिले में वर्धा-नांदेड़, वर्धा-बल्लारशाह (3 री लाइन), वर्धा-नागपुर (3 री लाइन), वर्धा-नागपुर (4 थी लाइन) इन चार रेलवे मार्ग के लिए जमीन अधिग्रहित की जा रही है़ भूमि अधिग्रहण के लिए रेलवे की ओर से प्रस्ताव प्राप्त होना जरूरी है़ उक्त प्रस्ताव रेलवे की ओर से प्रस्तुत किये जाए़ इसके बाद राजस्व विभाग, वन विभाग तथा रेलवे ने संयुक्त रूप से भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को गति देने का काम करना चाहिए.
प्रस्ताव प्राप्त होते ही आगे की कार्यवाही होगी
रेलवे के चारों प्रकल्प की भूमि अधिग्रहण की जानकारी जिलाधिकारी ने इस समय दी. रेलवे की ओर से प्रस्ताव प्राप्त होते ही इस पर आगे की कार्यवाही किए जाने की जानकारी राजस्व अधिकारी ने बैठक में दी. इसके अलावा अन्य बातों का जायजा लेते हुए केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को जरूरी दिशानिर्देश दिए. बैठक में सांसद रामदास तड़स, विधायक रामदास आंबटकर, विधायक दादाराव केचे, विधायक पंकज भोयर, जिला परिषद अध्यक्षा सरिता गाखरे, उपाध्यक्षा वैशाली येरावार, जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार, उपजिलाधिकारी मनोज खैरनार आदि उपस्थित थे.
छोटे प्रकल्पों से जलसंवर्धन संभव, संस्थाओं को आगे आने का आह्वान
जामनी स्थित मानस शक्कर फैक्टरी में केंद्रीय मंत्री गडकरी ने पत्र परिषद में कहा कि बड़े बांध का निर्माण 10 से 15 वर्ष बाद भी पूर्ण नहीं हो पाता़ किंतु मोतीनाला जलसंवर्धन प्रकल्प के साथ ही धाम उन्नई गहराईकरण जैसे कार्य जल्द पूर्ण होकर इसका रिजल्ट भी तुरंत मिलता है़ ऐसे छोटे प्रकल्पों से जलसंवर्धन संभव है, जिससे जनसहभाग के माध्यम से यह कार्य पूर्ण करने संस्थाओं ने आगे आना चाहिए़ धाम उन्नई के गहराईकरण से वर्धा शहर समेत आसपास के 30 गांवों का 25 वर्ष के लिए पानी का प्रश्न दूर होगा़ मैंने बजाज फाउंडेशन के अध्यक्ष राहुल बजाज को एक पत्र लिखा था़ जिस पर उन्होंने तुरंत सहमति देकर कार्य शुरू किया.
50 प्रश हिस्सेदारी से धाम नदी का होगा गहराईकरण
येलाकेली से काचनूर तक 26 किमी धाम नदी के पात्र का गहराईकरण किया जाएगा़ जानकीदेवी बजाज फाउंउेशन व प्रशासन की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी से यह संपूर्ण कार्य पूर्ण होगा़ उसी प्रकार स्थानीय संस्थाओं को आगे आकर मोतीनाला जलसंवर्धन प्रकल्प की तर्ज पर अन्य जगहों पर भी कार्य करने की जरूरत है़ इस समय जलतज्ञ माधव कोटस्थाने उपस्थित थे.