गोंदिया. जिप, पंस के पदाधिकारियों का कार्यकाल पिछले वर्ष 15 जुलाई को समाप्त हो गया. इसके बाद जिप पर प्रशासक नियुक्त है. वहीं अब गोंदिया, तिरोडा नप सहित 4 नपं का कार्यकाल पूर्ण हो गया है. इसी में 4 कृषि उत्पन्न बाजार समिति के चुनाव अगले माह होने की संभावना है. इस सब चुनाव से जिले का राजनीतिक वातावरण गरमाए जाने की संभावना है.
इस बार स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव को विशेष महत्व है क्योंकि अगले वर्ष विधान परिषद का चुनाव होने वाला है. जिससे कांग्रेस, राकां, भाजपा, शिवसेना आदि सभी प्रमुख पार्टियों का जोर स्थानीय स्वराज्य संस्था में अधिकाधिक उम्मीदवार निर्वाचित करने पर रहेगा. इसके चलते फिलहाल जिले में सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के दौरे बढ़ गए है. दिवाली मिलन सभा, बैठक और कार्यकर्ता सम्मेलन लेकर चुनाव के पूर्व वातावरण निर्माण किया जा रहा है.
इसमें सबसे पहले अगले माह में कृउबास के चुनाव होंगे. स्थानीय राजनीति पर और सहकार क्षेत्र पर पकड़ मजबुत करने के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण माने जाते है. इसके बाद अगले माह में ही नप व नपं का कार्यकाल पूर्ण होने से जनवरी माह में चुनाव होने की संभावना है. उल्लेखनीय है कि कोरोना का संक्रमण अब नियंत्रण में आ गया है. जिससे परिस्थिति पूर्ववत होने से जिप के प्रलंबित चुनाव भी जनवरी माह में होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. जिससे अगले दो माह जिला वासियों की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे.
जनसंपर्क पर अधिक जोर
राज्य में कांग्रेस, राकां, शिवसेना इन तीनों पार्टियों की महाविकास आघाडी की सरकार है. लेकिन यह तस्वीर स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनाव में कायम रहने की संभावना कम है. जिससे इन तीनों पार्टियों ने स्वतंत्र रूप से जनसंपर्क बढ़ाने पर अधिक जोर दिया है. इतना ही नहीं इस चुनाव को स्वयं बल पर लडऩे की तैयारी शुरू की है. भाजपा ने भी आंदोलन व सम्मेलन कर पदाधिकारी कार्यकर्ताओं में जोश भरने की शुरूआत की है.
कार्यकर्ताओं को काम पर जुटने की सूचना
स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के आगामी चुनाव को ध्यान में रखकर पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को काम पर जुट जाने की सूचना अलग अलग पार्टियों ने दी है.