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    देवली (सं). तहसील में इन दिनों एसटी कर्मचारियों की हड़ताल का असर साफ दिखाई दे रहा है. यहां निजी वाहनों से परेशान नागरिक एसटी महामंडल की सेवाओं को याद कर रहे हैं, जिसमें नागरिकों को लालपरी की कमी खलने लगी है. ऐसे में नागरिक एसटी बसें बचाओ का नारा देने लगे हैं. जहां आज हर किसी की जुबान पर एसटी बस कब शुरू होगी यह सवाल है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में साइकिलें सहारा बनी हुई है.

    हड़ताल का इंतजार कर रहे छात्र, नागरिक

    यहां बड़े पैमाने पर नागरिक व विद्यार्थी वर्ग साइकिलों से आवागमन करते नजर आ रहे हैं, लेकिन प्रतिदिन के आगमन से अधिकतर विद्यार्थी थकान महसूस कर रहे हैं. ऐसे में विद्यार्थियों की शिक्षा पर इसका बुरा असर हो रहा है. वहीं निजी वाहनों की लाटरी निकल आई है. एसटी कर्मचारियों असर ग्रामीण क्षेत्रों में पड़ रहा है. यहां अधिकतर गांवों में निजी वाहनों की हड़ताल का असर नागरिकों की जेब पर पड़ता दिख रहा है. जहां यात्रियों को मजबूरी में टिकट दर से अधिक पैसा देना पड़ रहा है. इस स्थिति में हर कोई एसटी कर्मचारियों की हड़ताल की समाप्ति की राह देख रहे हैं. 

    निजी वाहनों में सफर करने हुए मजबूर

    उल्लेखनीय है कि राज्य में एसटी कर्मचारियों की ओर से राज्य सरकार में विलीनीकरण को लेकर अनिश्चित हड़ताल जारी है. इसके चलते पिछले 1 महीने से बस सेवाएं बंद पड़ी हैं. ऐसे में यहां लालपरी के दर्शन नहीं हो रहे हैं. गरीब विद्यार्थियों को आवागमन में भारी परेशानी नागरिकों को यात्रा को लेकर अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जहां कभी बस सेवाएं उपलब्ध होने से यात्री आराम से सफर किया करते थे, लेकिन हड़ताल के चलते नागरिक निजी वाहनों में धक्के खा रहे हैं.