नईदिल्ली/इंदौर. वैसे तो भारतीय पुलिस (Indian Police) अपनी कर्तव्यनिष्ठा के लिए जानी जाती है। हाँ, कार्य प्रणाली को लेकर कई बार पुलिस समाज के पैमाने पर कसी भी जाती है। लेकिन इस खाकी वर्दी के पीछे इंसान भी हैं जो जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आते हैं। जी हाँ, कुछ लोगों ऐसे हैं जो अपने काम के साथ-साथ इंसानियत का फर्ज भी बखूबी निभाते जाते हैं। कुछ ऐसा ही देखने को मिला है मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) शहर में।
दरअसल यहां एक लेडी सब इन्स्पेक्टर ने सर्दी के मौसम में खुले आसमान के नीचे रहने वाले बेघर लोगों की मदद का बड़ा बीड़ा उठाया है। जी हाँ महिला पुलिस अधिकारी ना सिर्फ खुद बल्कि दूसरे लोगों को भी इस काम के लिए भरपूर प्रोत्साहित कर रही है। इसके कार्य विशेष के लिए उन्होंने एक विशेष टीम भी तैयार की है जिसका नाम है ‘ठंड के सिपाही’, ये कर्मठ टीम गरीब लोगों को ठंड से बचने में भी मदद करती है।
#WATCH | Indore: Sub-Inspector Anila Parashar consoles an aged woman who breaks down while narrating her ordeal after being abandoned by her family. Handing over a blanket, the SI assures her to help further. “We started blanket distribution drive for the needy in 2019,” she said pic.twitter.com/Tywb0CLOQL
— ANI (@ANI) November 28, 2021
बात करते हैं मध्य प्रदेश के इंदौर की सब इंस्पेक्टर अनिला पाराशर की, जो रात को जरूरतमंद लोगों को कंबल बांटती हैं। लेकिन अनिला पाराशर के लिए सिर्फ एक दिन का शौक नहीं बल्कि इसे वो अपनी जिम्मेदारी समझकर पूरी शिद्दत से निभा रही है। इतना ही नहीं इस काम के लिए अनिला पाराशर ने एक स्पेशल टीम तैयार की है। उन्होंने अपनी इस टीम को ‘ठंड के सिपाही’ नाम भी दिया है।
In 2019, while patrolling I saw a woman dying due to no accommodation, blanket. Since then it’s been 3 years of this blanket distribution drive. Today we have the support of NGOs as well. We try to distribute it all across Indore to the needy and old: SI Anila Parashar (28.11) pic.twitter.com/7v8idxMML6
— ANI (@ANI) November 28, 2021
अब सवाल ये हैं कि आखिर SI अनिला पाराशर की ये मुहिम शुरू हुई तो कैसे हुई, इसके पीछे की दिलचस्प कहानी खुद अनिला पाराशर बताती हैं कि, “एक दिन पेट्रोलिंग करते हुए मुझे कहीं एक महिला दिखीं जिनकी ठंड में मृत्यु हो गई थी। मुझे अचानक ऐसा लगा कि अगर उन्हें किसी ने वक़्त पर एक कंबल दे दिया होता या रैन बसेरे की जानकारी दी होती तो शायद उनकी जान बच जाती। बस यहीं मुझे लगा कि कुछ तो करना चाहिए।”
बस उस दुखद और आँख खोलने वाली घटना के बाद से ही अनिला पाराशर ने ठान लिया और वहीं से इस इस पुनीत कार्य की शुरुआत हुई। SI अनिला यह भी बताती हैं कि, इसकी फंडिंग की शुरुआत पहले उन्होंने ही की, बाद में लोग इस अभियान में जुड़ते गए और कारवां बनता गया। अब इंदौर में ये छोटी सी टीम ऐसे लोगों को फौरन मदद मुहैया कराती है जो ठंड के मौसम में खुले आसमान के नीचे सर्दी से जूझ रहे होते हैं। SI अनिला पाराशर और उनकी टीम के इस जज्बे को हमारा सलाम।