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    अकोला. पुलिस ने जिले में धार्मिक स्थलों की वैधता की जांच शुरू कर दी है. उस दृष्टि से प्राप्त जानकारी के अनुसार अकोला जिले में धार्मिक स्थलों पर 1 हजार 318 भोंगे (लाउड स्पीकर) लगाए गए हैं. इन सभी धार्मिक स्थलों पर लगाए गए भोंगे अनाधिकृत हैं. जिले में पहले ही अकोट के देवी मंदिर में भोंगा बजाने की अनुमति ली जा चुकी है.

    पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कितनी भोंगे आधिकारिक हैं और कितनी अनौपचारिक हैं क्योंकि मस्जिद में भोंगों से शुरू हुई राजनीति सभी धार्मिक स्थलों में भोंगों तक फैल गई है. भोंगों को लेकर हुए विवाद के बाद कुछ धार्मिक स्थलों ने भोंगों के लिए अनुमति लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस संबंध में यह बात सामने आई है कि जिले के सभी धार्मिक स्थलों पर 1 हजार 318 लाउड स्पीकर स्थायी रूप से लगाए गए हैं.

    इसमें 446 छोटे और बड़े मंदिर, 633 मस्जिद और दर्गाह, 140 बुद्ध विहार, चर्च और गुरुद्वारों के लिए एक-एक तथा अन्य धार्मिक स्थलों पर तीन इस तरह कुल 1,318 भोंगे लगाए गए हैं. इन पूजा स्थलों में से किसी पर भी भोंगा आधिकारिक नहीं हैं. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, जिले में केवल अकोट के देवी मंदिर में भोंगा बजाने की अनुमति दी गयी है. 

    स्वामित्व का प्रश्न

    जिले के कई धार्मिक स्थलों के पास बिल्डिंग परमिट, स्वामित्व लाइसेंस, नमुना आठ ‘ए’ सहित कई परमिट नहीं हैं. इसके बावजूद ऐसा प्रतीत होता है कि महावितरण ने बिजली कनेक्शन जारी किए हैं. लेकिन पुलिस विभाग किस आधार पर अनुमति दे, यह सवाल पुलिस प्रशासन के सामने है.

    कहां से आयी भोंगों की राजनीति

    पिछले कई सालों से सभी धर्म के नागरिक अपने-अपने तरीके से त्यौहार, पर्व को मनाते आ रहे हैं. एक-दूसरे के सुख-दुख बांट रहे थे. आज तक कभी कोई सवाल ही नहीं उठा है. फिर अब अचानक यह सोच कहां से आयी है, जो भोंगा की राजनीति कर सामाजिक अस्थिरता निर्माण कर रही है, यह सवाल नागरिकों के मन में हैं. अब समझदार नागरिक सोच रहे हैं कि भोंगों की राजनीति किस स्तर तक जाएगी.

    बिना अनुमति के भोंगे

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    मंदिर 446

    मस्जिद 633

    बुद्ध विहार 140

    चर्च 01

    गुरुद्वारा 01

    अन्य 03

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    कुल 1318