मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) के नासिक जिले (Nashik District) में सोमवार को भारी बारिश (Heavy Rain) जारी रहने से कई नदियों का जलस्तर बढ़ने के बाद गडचिरोली जिले (Gadchiroli) में तीन व्यक्ति लापता हैं तथा मुंबई एवं उसके आसपास भी मध्यम वर्षा हुई है। अधिकारियों ने बताया कि नासिक जिले में भारी बारिश जारी है जिससे कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है एवं गोदावरी में नदीतल पर स्थित मंदिर डूब गये हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 14 जुलाई तक नासिक के लिए रेडअलर्ट जारी किया है और अगले 24 घंटे में 20 सेंटीमीटर से अधिक वर्षा होने का अनुमान व्यक्त किया है। पुणे जिले में भी पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है। पूर्वी महाराष्ट्र के गडचिरोली में पिछले तीन दिनों में तीन व्यक्ति उफनते नाले के तेज प्रवाह में बह गये और बाद में उनके शव मिले। जिला सूचना कार्यालय ने यह जानकारी दी। कार्यालय की विज्ञप्ति के अनुसार बह गये तीन अन्य लोग अब भी लापता हैं। जिले में भारी वर्षा से प्रभावित 129 स्थानों से 353 लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है।
#WATCH | Maharashtra: Various temples submerge under the Godavari river in Nashik, due to incessant rain for the past three days pic.twitter.com/AvAr7JYoYE
— ANI (@ANI) July 11, 2022
एक अधिकारी के अनुसार नासिक जिले में सुरगना में सबसे अधिक वर्षा 238.8 मिलीमीटर, पेठ में 187.6 मिलीमीटर और त्रयम्बेकश्वर में 168 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गयी। उन्होंने कहा त्रयम्बकेश्वर और इगतपुरी जैसे घाट क्षेत्रों में पारंपरिक रूप से अधिक वर्षा तो होती ही है लेकिन इस बार सुरगना एवं पेठ में भी अच्छी -खासी बारिश हुई है। उन्होंने बताया कि सोमवार को तीन बजे गंगापुर बांध से 10,035 क्यूसेक, डरना से 15,088 क्यूसेक, कडवा से 6,712 और नंदूर-मध्यमेश्वर से 49,480 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। अधिकारी ने बताया कि शहर में जलापूर्ति करने वाले गंगापुर बांध से पानी छोड़े जाने से गोदावरी नदी में जलस्तर बढ़ गया तथा दशक्रिया विधि समेत रामखुंड क्षेत्र में कई छोटे मंदिर पानी में डूब गये।
एक अधिकारी ने कहा, “नासिक के लोग नदी के मध्य में स्थित दतोन्दय मारूति (दो मुंह वाले हनुमान) की प्रतिमा के इर्द-गिर्द पानी का स्तर देखकर बाढ़ की तीव्रता का अंदाजा लगाते हैं। फिलहाल जलस्तर प्रतिमा की कमर से थोड़ा नीचे है।”
जिला प्रशासन के आंकड़ों के अनुसार सभी बांधों में कुल 29,9730 लाख घन फुट पानी है जो उनकी कुल भंडारण क्षमता का 46 फीसद है। अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि गोदावरी एवं अन्य नदियों के तटों के आसपास बसे गांवों के लोगों को स्थिति को लेकर सतर्क कर दिया गया है। वैसे फिलहाल जलस्तर खतरे के निशान के नीचे है।
उन्होंने कहा, “डिंडोरी, त्रयम्बकेश्वर, डेलावारे, निपहद और घोटी जैसे क्षेत्रों में कई छोटी नदियां एवं नहरें भारी बारिश के बाद उफान पर हैं। इन जलाशयों के आसपास की कई सड़कें एहतियात के तौर पर बंद कर दी गयी हैं।”
उन्होंने कहा कि उत्तरी महाराष्ट्र के वास्ते तीन दिनों के लिए ‘लाल’ वर्षा अलर्ट जारी किये जाने के मद्देनजर वहां के लिए राज्य आपदा प्रबंधन मोचन बल की टीम मंगायी गयी है। आईएमडी ने 13 जुलाई तक के लिए गडचिरोली के लिए ‘रेड’ अलर्ट जारी किया है तथा जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सभी विद्यालय एवं महाविद्यालय बंद कर दिये हैं। गडचिरोली के पूर्वी एवं दक्षिणी हिस्सों में पिछले तीन दिनों से भारी वर्षा हो रही है। जिला सूचना कार्यालय के अनुसार अहेरी में 262, भामरगढ में 125 मिलीमीटर वर्ष हुई है।
प्रशासन ने एहतियात के तौर पर उन गांवों को राशन एवं दवाओं की आपूर्ति की है जो मानसून के दौरान कट जाते हैं। मुंबई एंव उसके आसपास के क्षेत्रों में सोमवार हल्की से मध्यम वर्षा हुई लेकिन शहर में कहीं से जलभराव की खबर सामने नहीं आयी है। अधिकारियों के अनुसार पुणे जिले में भारी वर्षा के बाद भीमशंकर मंदिर को जाने वाली एक सड़क पर भूस्खलन हुआ। भीमशंकर 12 ज्योतर्लिंगों में एक है और मुंबई से 200 किलोमीटर दूर है। (एजेंसी)