-सीमा कुमारी
26 सितंबर यानी सोमवार से शक्ति की भक्ति का महापर्व आरंभ हो रही है। यानी ‘शारदीय नवरात्रि’ (Shardiya Navratri) हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से मां आदिशक्ति की पूजा का आरम्भ हो जाता है। मान्यता यह भी है कि यदि पूरे विधि विधान से नवरात्रि के पहले दिन जो भी श्रद्धालु घटस्थापना और मां की पूजा अर्चना करता है, उसे माता रानी की विशेष कृपा अवश्य मिलती है।
नवरात्रि (Navaratri) के नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाती है और परिवार के कल्याण के लिए और उज्जवल भविष्य की प्रार्थना की जाती है। आइए जानते हैं क्या मां है शैलपुत्री की पूजा विधि और मंत्र।
शारदीय नवरात्रि कलश/घटस्थापना मुहूर्त
नवरात्रि 2022 सुबह 06 बजकर 11 मिनट से 07 बजकर 51 मिनट तक 1 घंटे 40 मिनट
पूजा विधि
नवरात्रि महापर्व के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान कर लें और पूजा घर की साफ-सफाई करें। इसके बाद एक चौकी स्थापित करें और उसे गंगाजल से छिड़काव कर दें। फिर चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और उसपर माता के सभी स्वरूपों को स्थापित करें। इसके बाद मां शैलपुत्री की वंदना करते हुए व्रत का संकल्प लें और सफेद रंग का पुष्प अर्पित करें। इसके बाद अक्षत और सिंदूर अर्पित करें। इस बात का ध्यान रखें कि आप मां शैलपुत्री को सफेद रंग का वस्त्र अर्पित करें और गाय के घी से बने मिष्ठान का भोग लगाएं। अंत में घी का दीपक जलाएं और माता की आरती करें।
इस मंत्र का करें जाप-
वन्दे वाञ्छित लाभाय चन्द्र अर्धकृत शेखराम् ।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ।।
या
‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:’
मंत्र का 108 बार जाप करें।