मामला पड़ा है पेंडिंग, अटकी पायलट की लैंडिंग

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, कांग्रेस हाईकमांड के ग्राउंड कंट्रोल से सचिन पायलट को अभी तक लैंडिंग का सिग्नल नहीं मिल पा रहा है. यह मानकर चला जा रहा था कि गहलोत को हटाकर पायलट के लिए रनवे क्लीयर कर दिया जाएगा लेकिन ऐसा हो नहीं पाया. ऐसी हालत में पायलट का दिमाग आसमान में ही चक्कर लगाने को मजबूर है. उन्हें ग्राउंड क्लीयरेंस मिलना मुश्किल है.’’ 

    हमने कहा, ‘‘जब राजनीतिक कोहरा छाया हो तो पायलट को हवाईपट्टी या रनवे दिख पाना कठिन है. कांग्रेस हाईकमांड ने भांप लिया कि उसके लिए मौसम साफ नहीं है. गहलोत ग्रुप के कारनामों से गहरी धुंध छा गई है. बगावत की रेत का तूफान उठ रहा है. विजिबिलिटी बहुत पूअर है.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘विजन और विजिबिलिटी तो सिर्फ बीजेपी के पास है जो हमेशा दूर की कौड़ी लाती है. उसने मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया को साथ लेकर कमलनाथ की सरकार गिराई. अब वह एक्शन में पायलट पर दांव लगाने की फिराक में है. शर्त यही है कि पायलट 60 विधायकों को फोड़कर अपने साथ लाएं. ऐसा नहीं कर पाते तो हवा में अपना प्लेन गोल-गोल घुमाते रहें.’’ 

    हमने कहा, ‘‘सचिन खानदानी पायलट हैं. उनके पिता राजेश पायलट सचमुच हवाई जहाज उड़ाते थे और स्व. राजीव गांधी के दोस्त थे. राजेश पायलट नरसिंहराव की सरकार में अभी भी बने थे फिर उनकी राव से खटक गई थी. खास बात यह है कि साइकिल पर जाकर दूध बेचते-बेचते वे पायलट बन गए थे.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, सचिन पायलट को भी कम मत आंकिए. वह जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला के दामाद है. फारुक की बेटी सारा से सचिन ने शादी की. 2020 में सचिन पायलट ने भी बगावत की कोशिश की थी लेकिन तब प्रियंका गांधी ने उन्हें मना लिया और भविष्य के लिए आश्वासन दिया था. पायलट के रास्ते में गहलोत सबसे बड़ी रुकावट हैं जो राजस्थान से हटना नहीं चाहते. जब तक गहलोत समर्थक 90 विधायकों की भीड़ का रनवे पर जमावड़ा रहेगा, पायलट की लैंडिंग इम्पॉसिबल है.’’