नई दिल्ली: ताशी जिला लाहौल-स्पीति (Lahaul-Spiti) के ताबो स्थित रंगरिक गांव के रहने वाले चार साल के नवांग ताशी राप्टेन (Nawang Tashi Rapten) दिवंगत तिब्बती लामा तकलुंग सेतरुंग रिनपोछे का अवतार (Reincarnation of Rinpoche) माने गए हैं। बालक के माता-पिता और रिश्तेदार अपने घर में ऐसे बच्चे के जन्म की वजह से काफी खुश हैं, जो औपचारिक रूप से तिब्बती बौद्धों का सबसे बड़ा गुरु है। सोमवार से इस बालक का धार्मिक जीवन शुरू हो गया है। उसकी धार्मिक शिक्षा शिमला के पंथाघाटी स्थित दोरजीदक मठ में शुरू होगी।
ताशी ने अभी तक सिर्फ नर्सरी की पढ़ाई पूरी की है। ताशी की पहचान तकलुंग चेतुल रिनपोछे के चौथे अवतार के रूप में की गई है। मोनेस्ट्री में हुए धार्मिक अनुष्ठान के दौरान ताशी के बाल काटने के बाद उन्हें धार्मिक वस्त्र पहनाकर मठ के गुरु की सर्वोच्च उपाधि भी दी गई। वहीं, नवांग ताशी के दादा कहते हैं, ‘सबसे पहले तो मुझे अंदाजा ही नहीं था कि मेरा पोता तिब्बती लामा का अवतार है। जब गुरु हमारे घर पर आए तब उन्होंने बताया कि अगला लामा आपके पास है।’
Himachal Pradesh | At first, we had no idea that my grandson is the reincarnation of Tibetan Lama, the late Taklung Setrung Rinpoche. It was when Gurus visited our place and said that the next Lama is with you: Grandfather of boy monk Nawang Tashi Rapten, Shimla pic.twitter.com/TlO6g1v0z8
— ANI (@ANI) November 28, 2022
तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयायी बीते सात साल से इस समय की प्रतीक्षा कर रहे थे। सोमवार को यह सात साल का इंतजार खत्म हो गया और मठ को उनके चौथे गुरु मिल गए। वहीं, अपने गुरु तकलुंग चेतुल रिनपोछे का आशीर्वाद लेने अनुयायी नेपाल, भूटान, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग मठों से शिमला आए थे।
बता दें कि, साल 2015 में तिब्बती बौद्ध धर्म गुरु के तीसरे गुरु की मृत्यु हुई थी। उस समय उन्होंने मृत्यु से पहले बता दिया था कि वह अगला जन्म कहां लेंगे। अपने गुरु की बातों के अनुसार, अनुयायियों ने अपने नए गुरु की खोज की। जिसके बाद अनुयायियों की यह खोज लाहौल-स्पीति के ताबो में खत्म हुई। फिर बौद्ध अनुयायियों ने ताशी के परिवार से इस बारे में बात की और फिर उन्हें पंथाघाटी की दोरजीडक मॉनेस्ट्री में धर्मगुरु की उपाधि दी गई। नवांग ताशी का जन्म 16 अप्रैल, 2018 को हुआ था।