Shiv Sena ,election Commission, Maharashtra Politics
फ़ाइल फोटो

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    नई दिल्ली/मुंबई. जहां बीते 10 जनवरी को शिवसेना (Shivsena) के एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट ने पार्टी के सिंबल मामले में अपनी दलील पूरी कर ली थीं। वही अब आज यानी 17 जनवरी को चुनाव आयोग (Election Commission) इस बाबत सुनवाई करेगा।  दरअसल शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने निर्वाचन आयोग के समक्ष अपने दल के असली शिवसेना होने का दावा किया था। 

    आज सुनवाई 

    इसके साथ ही इस गुट ने 1971 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला भी दिया था जिसके तहत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाले एक समूह को मूल कांग्रेस के रूप में मान्यता दी गई थी। शिंदे गुट ने दावा किया था कि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना वही हैं। ठाकरे गुट के वकील कपिल सिब्बल आज यानी 17 जनवरी को आयोग के सामने अपनी दलीलें रखेंगे।

    सब होगा प्यार से 

    इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह शिवसेना के दोनों धड़ों की याचिकाओं पर आगामी 14 फरवरी को सुनवाई शुरू करेगा। तब उद्धव नीत शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने कहा था कि चूंकि, सुनवाई की तारीख आगामी 14 फरवरी यानी वेलेंटाइन्स डे की तारीख है, इसलिए सबकुछ प्यार के साथ होगा। 14 फरवरी से संविधान पीठ बिना किसी ब्रेक के मामले में सुनवाई करेगी। यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

    एक तकरार, शिवसेना हुई दो फाड़

    जानाकरी दें कि, शिवसेना के दोनों गुटों के बीच लंबे समय से पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर बड़ी कानून जंग चल रही है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ निर्वाचन आयोग में लंबित पड़ा है। हालाँकि निर्वाचन आयोग ने बीते साल महाराष्ट्र में विधानसभा उपचुनाव से पहले दोनों गुटों को चुनाव में ‘धनुष और तीर’ चिन्ह का उपयोग करने से पूरी तरह से रोक दिया था और दोनों गुटों को अलग नाम और चिह्न दिए गए थे। 

    इसमें उद्धव ठाकरे गुट को पार्टी के नाम के रूप में ‘शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ और वहीं एकनाथ शिंदे गुट को ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ (बालासाहेब की शिवसेना) आवंटित हुई थी। साथ ही चुनाव आयोग ने कहा था कि, उक्त अंतरिम आदेश विवाद के अंतिम निर्णय तक ऐसे ही जारी रहेगा।