INDORE
Pic: Social Media

Loading

इंदौर (मप्र), राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछले छह साल से सिरमौर इंदौर (Indore) शहर में स्थानीय प्रशासन के लाख समझाने के बावजूद सार्वजनिक स्थानों पर लोगों के पान-गुटखे की पीक थूकने की बुरी प्रवृत्ति पर रोक नहीं लग पा रही है। इसके मद्देनजर प्रशासन ने शुक्रवार से लोगों को पर्यावरण हितैषी कप मुफ्त में बांटने का अभियान शुरू किया जिसमें वे पीक थूक सकते हैं।

इस दौरान महापौर पुष्यमित्र भार्गव को शहर के व्यस्त बंगाली चौराहे पर “नो थू-थू अभियान के तहत” वाहन चालकों, राहगीरों और पान दुकान संचालकों को ये कप बांटते देखा गया। भार्गव ने ‘‘पीटीआई-भाषा” से कहा,‘‘हम चाहते हैं कि शहर के लोग सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत बदलें। इसके लिए हम लोगों को विशेष कप बिना किसी शुल्क के मुहैया करा रहे हैं ताकि उन्हें यहां-वहां थूकने का विकल्प मिल सके।”

इस कप को स्थानीय स्टार्ट-अप ‘‘एक पहल” ने तैयार किया है। स्टार्ट-अप के सह-संस्थापक और पेशे से मुख सर्जन डॉ. अतुल काला ने बताया कि विशेष रसायनों से तैयार कप पान-गुटखे की पीक या मुंह से निकले किसी भी तरल पदार्थ को ठोस कचरे में तब्दील कर देता है। उन्होंने बताया कि ऐसे एक कप में 30 बार थूका जा सकता है और इसमें मुंह से निकला 240 मिलीलीटर तरल पदार्थ समा सकता है।

गौरतलब है कि स्थानीय प्रशासन लम्बे समय से कोशिश कर रहा है कि लोग सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बाज आएं। शहरवासियों को स्वच्छता का संदेश देने के लिए महापौर और अन्य जन प्रतिनिधि गत दिसंबर में सड़कों के डिवाइडर से पान-गुटखे की पीक के लाल धब्बे साफ करते नजर आए थे।