Local train services disrupted in Mumbai due to breaking of the electric wire
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मुंबई: मुंबई की लाइफलाइन (Mumbai Lifeline) कही जाने वाली लोकल ट्रेनों (Local Trains) की मानसून (Monsoon) के दौरान निर्बाध आवाजाही को लेकर मध्य रेलवे (Central Railway) प्रशासन ने कमर कस ली है। उल्लेखनीय है कि मानसून के दौरान मुंबई की रेल पटरियों पर पानी जमा होने से लोकल ट्रेनों का परिचालन बाधित होता है। 

प्रायः मानसून के दौरान हर साल मध्य रेलवे के मेन लाइन और हार्बर लाइन पर निचले इलाकों में आसपास के इलाकों से ट्रैक पर पानी आ जाता है। विशेषकर ट्रैक पर पानी न जमा हो इसके लिए रेलवे की ओर से पटरियों के किनारे नालों और कलवर्ट की सफाई और उसकी चौड़ाई बढ़ाने, कीचड़ निकालने आदि काम किए जाते हैं।

118.48 किमी नालों की सफाई

मध्य रेलवे के लोकल नेटवर्क पर ट्रैक के किनारे 118.48 किमी नालों में से 102.39 किमी की सफाई का काम पूरा कर लिया गया है, बाकि काम हो रहा है। मध्य रेलवे के डिप्टी सीपीआरओ ए.के. जैन ने बताया कि लगभग 90 प्रतिशत सफाई का काम हो गया है। इनमें उपनगरीय खंडों पर 88 पुलियों की सफाई की है और वर्तमान में 17 और पुलियों की सफाई का काम प्रगति पर है। कुर्ला-ट्रॉम्बे क्षेत्र, चूनाभट्टी, वडाला रोड, विद्याविहार-एलटीटी क्षेत्र और तिलक नगर में आरसीसी बॉक्स डालकर कलवर्ट का कार्य किया गया। मध्य रेलवे ने मुख्य लाइनों पर 62,000 क्यूबिक मीटर मलबा साफ करने और हटाने का लक्ष्य रखा है।

माइक्रो टनलिंग

बाढ़ का पानी अधिक गति से बाहर की ओर निकल सके इसके लिए कई स्थानों पर माइक्रो टनलिंग का काम किया गया है। मस्जिद बंदर, सैंडहर्स्ट रोड, दादर-परेल क्षेत्र, माटुंगा-सायन क्षेत्र, कुर्ला कार शेड, तिलक नगर नाला, दिवा और कलवा जैसे 8 स्थानों पर माइक्रो टनलिंग हुई है, जबकि ठाणे-कलवा और कलवा-मुंब्रा सेक्शन में दो नए स्थानों पर माइक्रो टनलिंग का काम चल रहा है।

 लगाए जाएंगे 166 वाटर पंप

ट्रैक पर पानी जमा होने वाले 24 संवेदनशील स्थानों की पहचान की 166 वाटर पंप लगाए जाएंगे। इस वर्ष पंपो की क्षमता 12.5 एचपी से बढ़ाकर 100 एचपी कर दी गई है। मुख्यलाइन पर पहचाने गए स्थानों में मस्जिद बंदर, मझगांव यार्ड, भायखला, चिंचपोकली, करी रोड, परेल, दादर, माटुंगा, सायन, कुर्ला, विक्रोली, कांजुरमार्ग, भांडुप, मुलुंड और हार्बर लाइन पर शिवडी, वडाला, गुरु तेग बहादुर नगर, चूनाभट्टी, तिलक नगर आदि हैं।

47.8 किमी ट्रैक लिफ्टिंग

बताया गया कि ट्रैक पर पानी न जमा हो इसके स्थाई निदान के लिए 47.8 किमी ट्रैक लिफ्टिंग की योजना है, इसे अगले माह तक पूरा कर लिया जाएगा।

जीएम ने दिए निर्देश

मध्य रेलवे के जीएम नरेश लालवानी ने मानसून तैयारियों की समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश भी दिए हैं। बैठक में अपर महाप्रबंधक आलोक सिंह, डीआरएम रजनीश कुमार गोयल, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, सिग्नलिंग विभागों के प्रधान प्रमुख भी उपस्थित थे। जीएम लालवानी ने कहा कि अन्य विभागों से समन्वय के लिए रेलवे और एमसीजीएम डिजास्टर सेल, टीएमसी, एनएमएमसी के बीच एक हॉटलाइन भी बनाई गई है। 24X7 कंट्रोल रूम-सीआर कंट्रोल ऑफिस चौबीस घंटे काम कर रहा है, लगातार निगरानी और निरंतर अपडेट के लिए मौसम विभाग, आपदा प्रबंधन सेल और बाढ़ प्रवण क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों के साथ निकट संपर्क बनाए रखेगा।