नागपुर. बीते दिनों अजीत गुट राकां कार्याध्यक्ष प्रफुल पटेल ने कहा था कि स्थानीय नेताओं को सब कुछ देने के बाद भी पार्टी विदर्भ में केवल हिंगना व काटोल तक ही सीमित रह गई. इस संदर्भ में पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (शरद पवार गुट) ने उनका नाम लिए बिना पलटवार किया है. देशमुख ने प्रेस परिषद में कहा उस समय विदर्भ का सबसे बड़ा पार्टी नेता पटेल ही थे. हम सभी ने उनके नेतृत्व में ही काम किया. फिर पार्टी क्यों पीछे रह गई, मतलब वे खुद पार्टी को मजबूत करने में ‘कम’ पड़ गए जिसे कबूल कर रहे हैं.
देशमुख पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे. उन्होंने दावा किया कि आगामी चुनाव में राज्य में मविआ पहले से 10 प्रतिशत अधिक सीटों पर जीतेगी और लोकसभा चुनाव में भी सर्वाधिक सीटें हासिल करेगी. उन्होंने कहा कि जनता शरद पवार के साथ है, उद्धव ठाकरे के साथ जनता की सहानुभूति है और राहुल गांधी के लिए भी सहानुभूति बढ़ रही है. तीनों नेता एक साथ चुनाव के दौरान घूमेंगे. राज्य में मविआ की सत्ता लौटेगी.
गृह मंत्रालय के फोन के बाद ही अमानवीय लाठीचार्ज
देशमुख अपने उस दावे पर अडिग रहे कि गृह मंत्रालय के फोन के बाद ही मराठा आंदोलन में अमानवीय लाठीचार्ज किया गया. फोन के संदर्भ में भरोसा करने लायक जानकारी मेरे पास है. उन्होंने कहा कि ओबीसी पर किसी तरह का अन्याय नहीं होगा साथ ही मराठा समाज को भी न्याय मिले इस भूमिका से सरकार निर्णय ले. दोनों समाज एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो जाएं ऐसे हालात सरकार निर्माण ने करे. शरद पवार ने आरक्षण की सीमा 15-16 प्रतिशत बढ़ाने का सुझाव दिया है. राज्य सरकार 1 दिन का विशेष सत्र बुलाकर विधेयक मंजूर करें. 18 से 22 सितंबर के दौरान होने वाले संसद सत्र में बिल को मंजूर किया जाए. उन्होंने कहा कि मविआ के समय हमने आवश्यक निर्णय लिया लेकिन तब केन्द्र में हमारी सत्ता नहीं थी. उस समय का निर्णय सुप्रीम कोर्ट में टिक नहीं सका.
नवंबर में आएंगे शरद पवार
अजीत पवार गुट वापस शरद पवार के साथ आएंगे जैसी अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए देशमुख ने कहा कि अब हमारा और उनका रास्ता अलग-अलग हो गया है यह संभव नहीं. उन्होंने बताया कि शरद पवार विदर्भ दौरा करेंगे. अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में वे भंडारा-गोंदिया और नवंबर महीने में नागपुर का दौरा करेंगे व कार्यकर्ता सम्मेलन होगा. पार्टी चुनाव चिन्ह पर उन्होंने कहा कि मामला अदालत में चल रहा है. हमने लाखों एफिडेविट दिये हैं.
समय पर फोड़ेंगे ‘समझौता’ बम
एक बार फिर देशमुख ने कहा कि गृह मंत्री था तब ढाई वर्ष पूर्व भाजपा की ओर से समझौता प्रस्ताव आया था. वह एक लेटर था जिसमें 5-6 विषय क्रमवार थे. अगर वह प्रस्ताव मान जाता तो तभी सरकार गिर जाती. इनकार किया और दूसरे ही दिन नागपुर निवास पर जांच एजेंसियों का छापा पड़ा. सीबीआई में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई और गिरफ्तार कर लिया गया. आरोप लगाने वाले कोई सबूत पेश नहीं कर पाये. उस समझौता का मसौदा व रिकार्ड मेरे पास है और उचित समय आने पर उसे सार्वजनिक करेंगे.