श्रीनगर: कश्मीर (Kashmir) में नए वर्ष की शुरुआत के साथ-साथ शीत लहर (Cold Wave) और तेज हो गई तथा कई जगहों पर न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दु (Freezing Point) से दो से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। कश्मीर (Kashmir) के अधिकतर मैदानी इलाके में बर्फबारी नहीं हुई और मौसम शुष्क रहा। घाटी के ऊपरी इलाकों में दिसंबर के अंत तक सामान्य से कम बर्फबारी दर्ज की गई।
#WATCH | A thin sheet of ice forms in Jammu & Kashmir’s Srinagar as it recorded minus 5 degrees Celsius last night. pic.twitter.com/TUph8YzFw2
— ANI (@ANI) January 1, 2024
अधिकारियों ने बताया कि आसमान साफ रहने के कारण श्रीनगर सहित ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 5.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पिछली रात यह शून्य से नीचे 3.4 डिग्री सेल्सियस था। उन्होंने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 5.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि यह पिछली रात शून्य से नीचे 3.4 डिग्री सेल्सियस था।
काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे 3.6, कोकेरनाग शहर में शून्य से नीचे 1.7 और कुपवाड़ा में शून्य से नीचे 4.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कश्मीर वर्तमान में ‘चिल्लई-कलां’ की चपेट में है। यह 40 दिनों की भीषण सर्दी की अवधि है। इस दौरान क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान बेहद नीचे चला जाता है जिससे प्रख्यात डल झील सहित जल निकाय जम जाते हैं। घाटी के कई हिस्से इस स्थिति का सामना करते हैं। इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और ऊंचाई वाले इलाके में भारी बर्फवारी भी होती है। चिल्लाई-कलां 31 जनवरी को खत्म होगा।
‘चिल्लई-कलां’ की शुरुआत 21 दिसंबर से होती है और 31 जनवरी को यह समाप्त होगा। इसके बाद कश्मीर में 20 दिनों का ‘चिल्लई-खुर्द’ (छोटी ठंड) और 10 दिनों का ‘चिल्लई-बच्चा’ (हल्की ठंड) का दौर रहता है। इस दौरान शीत लहर जारी रहती है।
(एजेंसी)