After Corona, the atmosphere of examinations, increased tension among students and parents

लॉकडाउन से पालक, शिक्षक, बच्चे सभी सहम गए थे.

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अत्यंत असामान्य और असहजतापूर्ण माहौल में 2020-21 का शैक्षणिक वर्ष रहा जिसमें शिक्षक, छात्र और अभिभावक सभी प्रभावित हुए. कोरोना संकट की वजह से शिक्षा संस्थाएं बंद रहीं. बार-बार उम्मीदें दस्तक देती रहीं कि स्कूल जल्द ही खुल जाएंगे लेकिन महामारी की काली छाया के चलते यह संभव नहीं हो पाया. ऑनलाइन पढ़ाई ही एकमात्र विकल्प बनकर रह गई. शिक्षा का यह प्रारूप मजबूरी की वजह से अपनाना पड़ा.

लैपटॉप और मोबाइल के सहारे ऑनलाइन क्लास चलाई गई जो कि वास्तविक क्लासरूम की बराबरी नहीं कर सकती. छात्र-छात्राएं प्रत्यक्ष संवाद व शैक्षणिक परिसर की गतिविधियों, खेलकूद, स्पर्धाओं आदि से वंचित रह गए जो व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक हैं. जो स्कूलें खुलीं, वहां भी पालक अपने बच्चों को भेजने का हौसला नहीं जुटा पाए. कहीं बसों की व्यवस्था पुन: शुरू नहीं होने से अभिभावकों पर ही बच्चों का स्कूल पहुंचाने और ले जाने की जिम्मेदारी डाली गई. यह संभव न होने से कितने ही पालकों ने अपनी सहमति नहीं दी.

बच्चे कितनी पढ़ाई कर पाए?

क्लासरूम शिक्षा नहीं होने से छात्रों की उतनी एकाग्रता नहीं रह पाई. शिक्षक भी शायद ही कोर्स पूरा करा पाए होंगे. ऐसी हालत में समूचे पाठ्यक्रम के आधार पर परीक्षा ली जाए तो विद्यार्थियों की क्या हालत होगी? कोरोना ने समूची शिक्षा व्यवस्था को ग्रहण लगा रखा था. लॉकडाउन से पालक, शिक्षक, बच्चे सभी सहम गए थे. कितने ही स्कूलों की फीस जमा नहीं हो पाने से शिक्षकों के वेतन में कटौती करनी पड़ी. ऐसी विपरीत और विषम स्थितियां इसके पहले कभी नहीं आई थीं. जिन बच्चों को मोबाइल या लैपटॉप उपलब्ध नहीं था, उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई. जहां इंटरनेट कनेक्शन नहीं था, वहां भी बच्चे ठीक से पढ़ पाने में असमर्थ रहे. ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को काफी कठिनाइयां झेलनी पड़ीं.

हौसला रखना जरूरी

इन सारी स्थितियों के बावजूद अब स्टेट बोर्ड और सीबीएसई परीक्षाओं की चुनौती के लिए छात्रों को तैयार रहना है. महाराष्ट्र बोर्ड की 12वीं की लिखित परीक्षा 23 अप्रैल से 29 मई के बीच और प्रैक्टिकल परीक्षा 1 अप्रैल से 22 अप्रैल के बीच होगी. कक्षा 10वीं की परीक्षा 29 अप्रैल से 31 मई के बीच कराई जाएगी. प्रैक्टिकल परीक्षा 9 अप्रैल से 28 अप्रैल तक चलेगी. परीक्षाएं कोरोना के नियमों का पालन कर आयोजित होंगी अर्थात मास्क लगाना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल तथा सुरक्षित दूरी का ध्यान रखा जाएगा. 12वीं का परीक्षाफल जुलाई 2021 के अंतिम सप्ताह तक घोषित हो जाएगा. 10वीं की परीक्षा के नतीजों की घोषणा अगस्त 2021 के अंतिम सप्ताह में की जाएगी. इस तरह अगला शैक्षणिक वर्ष विलंब से प्रारंभ हो पाएगा.

तरह-तरह की आशंकाएं

परीक्षाओं को लेकर छात्रों व पालकों का तनाव बढ़ना स्वाभाविक है. सबसे बड़ी चिंता यह है कि पढ़ाई ठीक से हुई या नहीं? कोर्स पूरा हो पाया या नहीं? कहीं प्रश्नपत्र कठिन आए तो कैसे होगा? सिलेबस में कोई रियायत नहीं दी गई है. इन बातों को लेकर सभी के मन में दुविधा देखी जा रही है. कोचिंग क्लास भी ऑनलाइन ही रहीं इसलिए विद्यार्थी परीक्षा के लिए कितना तैयार हो पाए, कहा नहीं जा सकता. जैसी भी स्थिति हो, छात्रों को मनोबल मजबूत रखते हुए परीक्षा के लिए तैयारी करनी होगी. लगभग 2 माह का समय बचा है. एकाग्रता और हौसले के साथ विद्यार्थी तैयारी करें तो परीक्षा रूपी चुनौती से निपट सकते हैं.