परस्पर विरोधी घोषणा से भ्रम की स्थिति, अनलॉक को सरकार का लॉक

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    राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार के तीनों दलों शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच आपसी तालमेल या समन्वय का भारी अभाव समय-समय पर साफ नजर आता है. इन दलों के नेताओं के बीच भी किसी निर्णय का श्रेय लेने की बढ़-चढ़ कर होड़ लगी रहती है. अपने को आगे बताने का मौका कोई नहीं छोड़ना चाहता. यदि कोई घोषणा पहले कर दी जाए और फिर उस पर पूरी तरह यू-टर्न ले लिया जाए तो स्थिति हास्यास्पद हो जाती है. इससे अविश्वसनीयता बढ़ती है और सरकार की साख पर आंच आती है.

    आघाड़ी सरकार के घटक दल शायद जानते ही नहीं कि समन्वय व एकसूत्रता किस चिड़िया का नाम है! आपदा प्रबंधन, मदद व पुनर्वसन मंत्री विजय वडेट्टीवार ने पहले तो धड़ल्ले से मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस लेकर राज्य के 18 जिलों को संचारबदी मुक्त किए जाने का एलान कर दिया लेकिन फिर नागपुर आकर कहा कि अभी राज्य को अनलॉक किए जाने के प्रस्ताव पर मुहर लगना बाकी है, इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करेंगे. वडेट्टीवार की प्रेस कांफ्रेंस के कुछ देर बाद ही सूचना विभाग ने स्पष्ट किया कि अभी भी कोरोना संक्रमण खत्म नहीं हुआ है, इसलिए राज्य में पाबंदियां खत्म नहीं हुई हैं. प्रतिबंधों को हटाने का प्रस्ताव अभी विचाराधीन है, तब तक कड़ी पाबंदियां लागू रहेंगी. जिलों के प्रशासन के साथ पूरी समीक्षा के बाद ही कोई अधिकृत फैसला लिया जाएगा. इसका तो यही मतलब निकला कि वडेट्टीवार ने घोषणा करने में जल्दबाजी कर दी. क्या सीएम को बर्दाश्त नहीं हुआ कि उनके पहले ही सहयोगी पार्टी का कोई मंत्री घोषणा कर दे?

    वडेट्टीवार की सफाई

    आपदा प्रबंधन मंत्री विजय वडेट्टीवार ने नागपुर आकर कहा कि मैंने राज्य को अनलॉक करने के संबंध में कोई घोषणा नहीं की. पाबंदियां हटाने से संबंधित प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तात्कालिक मंजूरी दी है, अब वे खुद ही इस बारे में घोषणा करेंगे. मुंबई में दिए गए मेरे बयान को अलग तरीके से पेश किया गया. मैंने मदद व पुनर्वसन मंत्री होने के नाते मीडिया को जानकारी भर दी थी. राज्य में अनलॉक-5 को सैद्धांतिक मान्यता मिल गई है, इस संबंध में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ही लेंगे.

    विपक्ष ने आलोचना की

    अनलॉक के मुद्दे पर परस्पर विरोधी घोषणाओं की वजह से उत्पन्न भ्रम की स्थिति को लेकर विपक्ष ने कड़ी आलोचना की. विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस और प्रवीण दरेकर ने सीएम कार्यालय से दिए गए स्पष्टीकरण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अब नीतिगत घोषणा करने का अधिकार मुख्यमंत्री सिर्फ अपने पास ही रखें. देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट किया, ‘क्या शुरू, क्या बंद? कहां और कब तक? पत्र परिषद या प्रेस रिलीज? अपरिपक्वता या श्रेयवाद?’ बीजेपी नेता आशीष शेलार ने कहा कि यह श्रेय लेने की होड़ का मामला है.

    किसने क्या कहा था

    वडेट्टीवार ने कहा था कि 5 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट व 75 प्रतिशत से ज्यादा ऑक्सीजन बेड रिक्त रहने वाले जिले संपूर्ण अनलॉक किए गए हैं. ऐसे जिलों में रेस्टोरेंट, मॉल, नियमित दुकानें व रेलवे शुरू हो जाएंगे. यह नियम शुक्रवार से ही लागू हो जाएंगे. इसके विपरीत सरकार ने स्पष्ट किया कि कोरोना संक्रमण जारी रहते पाबंदियां नहीं हटाई गई हैं. ‘ब्रेक दि चेन’ में कुछ प्रतिबंध शिथिल करने की शुरुआत की गई है. विस्तृत मार्गदर्शक सूचना शासन के निर्णय द्वारा अधिसूचित की जाएगी.