औरंगाबाद. पदोन्नति में आरक्षण रद्द करनेवाला निर्णय 7 मई 2021 को लिया गया। सरकार ने उक्त निर्णय तत्काल रद्द कर पूर्ववत आरक्षण स्थायी करने की मांग महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के कार्याध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र देहाडे (Dr. Jitendra Dehade) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Chief Minister Uddhav Thackeray) को ई- मेल द्वारा एक ज्ञापन भेजकर की।
ज्ञापन में सामान्य प्रशासन विभाग सरकार निर्णय बीसीसी 2018/प्र.क्र/366/16-ब 7 मई 2021 तत्काल रद्द करने के साथ ही विशेष अनुमति याचिका क्रमांक 28306/2017 के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को अधिन रहकर पिछड़ी जाति के अधिकारी और कर्मचारियों को पदोन्नति के कोटे के रिक्त पदों को भरते समय सभी चरणों को आरक्षण लागू करने की मांग की।
ज्ञापन में देहाडे ने सन 2004 के महाराष्ट्र अधिनियम क्रमांक 8 के आरक्षण कानून धारा 5 के प्रावधान, सरकार निर्णय क्रमांक बीसीसी 2001/1887/प्र.क्र 64/01/16-ब तारीख 25/05/2005 तथा उच्च न्यायालय मुंबई की रिट याचिका क्र. 27997/2015 के निर्णय 04/08/2017. उच्च न्यायालय में राज्य सरकार की ओर से दाखिल विशेष अनुमति याचिका क्र. 28306/2017. महाराष्ट्र अधिनियम क्र. 8 आरक्षण कानून राज्य सरकार ने 20004 में पारित किया था। इस कानून की धारा 5 के प्रावधान के अनुसार, पिछड़ी जाति अधिकारी/कर्मचारियों को पदोन्नति के कोटे के रिक्त पदों को भरते समय सभी संवर्ग के सभी चरणों पर आरक्षण लागू किया गया। इस अधिनियम के सभी संवर्ग और चरण के आरक्षण के प्रावधान के संदर्भ क्र. 2 के 25 मई 2004 के सरकार निर्णय के अनुसार राज्य के पिछड़ा अधिकारी कर्मचारियों को लागू किया गया, परंतु राज्य सरकार द्वारा 7 मई को जारी किए गए निर्णय से पिछड़ी जाति के सभी समाज घटकों में सरकार के खिलाफ रोष है। बल्कि, समाज में बड़े पैमाने पर सरकार के खिलाफ नाराजगी भी फैली है। इसलिए पिछड़ा जाति के अधिकारी/कर्मचारियों को न्याय देने की मांग महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के कार्याध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र देहाडे ने मुख्यमंत्री ठाकरे से की।