Devendra Fadnavis
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औरंगाबाद में बोले विपक्ष के नेता देवेन्द्र फडणवीस 

औरंगाबाद. शहर में कोरोना के बढ़ते कहर पर ब्रेक लगाने के लिए प्रशासन ने औरंगाबाद में शुक्रवार से 9 दिन का लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया है. लॉकडाउन के दरमियान बड़े पैमाने पर एग्रेसिव टेस्टिंग पर जोर देने की जरूरत है. तभी औरंगाबाद में कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाया जा सकेगा. लॉकडाउन में एग्रेसिव टेस्टिंग करने से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ेगी. प्रशासन ने संख्या बढऩे की चिंता न  करते हुए उन पर इलाज करने के लिए उनके मैनेजमेंट की व्यवस्था करें. यह सलाह विपक्ष के नेता  देवेन्द्र फडणवीस ने यहां दी.

गुरुवार को औरंगाबाद दौरे पर आए विरोधी पक्ष नेता फडणवीस ने सरकारी घाटी अस्पताल का दौरा किया. वहां कोरोना मरीजों को दी जा रही सुविधाओं का जायजा लिया. उसके बाद शहर के आला अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में  फडणवीस ने प्रशासन को यह सलाह दी. उन्होंने बताया कि पहले औरंगाबाद में संक्रमित बड़ी संख्या में अपनी जान गंवा रहे थे. इस पर ब्रेक लगाने में प्रशासन कामयाब हो रहा है. लेकिन,आए दिन संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. ऐसे में मैंने प्रशासन को लॉकडाउन में टेस्टिंग बढ़ाने की सूचना की है. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मनपा क्षेत्रों में टेस्टिंग बढ़ा चेलैंज है. औरंगाबाद में मरीज का स्वैब टेस्ट लेने पर उसकी रिपोर्ट 14 से 24 घंटे मे प्राप्त हो रही है. इस पर फडणवीस ने समाधान व्यक्त कर कहा कि अन्य मनपा क्षेत्रों में स्वैब की रिपोर्ट में आने से तीन से चार दिन का समय लग रहा है. जिससे संक्रमित मरीज पर डॉक्टर तत्काल इलाज कराने से कन्नी काट रहे है.

लॉकडाउन कोरोना खात्मे का हल नहीं

बार-बार लॉकडाउन लगाकर कोरोना का खात्मा होना असंभव है. प्रशासन टेस्टिंग पर अधिक ध्यान देगा, तब जाकर ही कोरोना संक्रमण को ब्रेक लगेगा. फडणवीस ने बताया कि प्रशासन के आला अधिकारियों ने आज की बैठक में साफ किया कि 10 से 18 जुलाई के दरमियान अंतिम लॉकडाउन लिया जा रहा है. मैंने प्रशासन को सलाह दी कि लॉकडाउन काल में प्रशासन ऐसे उपाय योजनाएं करें, ताकि दुबारा लॉकडाउन की जरुरत ना पडे. बार-बार लॉकडाउन से आर्थिक स्थिति कमजोर होगी. प्रशासन को चाहिए कि वे कल से आरंभ हो रही लॉकडाउन में सख्ती बरते. प्रशासन के लिए निर्णय को शहरवासी सहयोग कर लॉकडाउन का सख्ती से पालन करें, यह अपील भी फडणवीस ने औरंगाबाद वासियों से की.

 मेडिकल स्टाफ बढ़ाने की जरूरत

विरोधी पक्ष नेता ने औरंगाबाद के सरकारी घाटी अस्पताल में दी जा रही सुविधाओं पर समाधान व्यक्त कर वहां मेडिकल स्टाफ बढ़ाने पर बल दिया. घाटी में बड़े पैमाने पर औषधियों की कमी है. यह कमी दूर करने के लिए सरकार को ध्यान देने की जरुरत है. घाटी में जो स्टाफ कार्यरत हैं, वह मरीजों की सेवा के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है.  उन्होंने निजी अस्पतालों द्वारा कोविड के मरीजों की जा रही लूटखसोट पर चिंता जताकर सरकार द्वारा जारी किए गए जीआर पर सवाल उठाए.

समानांतर सरकार चलाने के आरोप को नकारा

राज्य के महाविकास आघाडी सरकार द्वारा विरोधी पक्ष के नाते आप  पर  समानांतर सरकार चलाने का आरोप लगाया जा रहा है. इस आरोप को फडणवीस ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मैं कोई समानांतर सरकार नहीं चला रहा हूं. कोरोना संकट में विरोधी पक्ष के नाते हमारी भी जिम्मेदारी हैं कि जनता में जाकर उनके दु:ख को जाने. उनकी समस्याओं को जानकर उसे सरकार तक पहुंचाएं. यहीं काम हम कर रहे हैं. उन्होंने ठाकरे सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि वे जनता में नहीं घूमेंगे और हमारे घूमने पर उंगली उठाएंगे. उन्होंने साफ किया कि वे जनता का हलचल जानने घूमते रहेंगे.

मरीजों की संख्या कम दिखाने में वक्त बर्बाद कर रही सरकार

राज्य की ठाकरे सरकार द्वारा महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम दिखाने का खेल जारी है. सरकार को टेस्टिंग की ओर ध्यान देकर संक्रमित मरीजों का सहीं आंकडा सामने लाने की जरुरत है. राज्य सरकार का अधिक तर समय संक्रमित मरीजों की संख्या कम दिखाने में बितने से वर्तमान में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा होने का आरोप भी फडणवीस ने लगाया.