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    गोबरवाही . महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी द्वारा ग्रामीण अंचल के ग्राम पंचायतों, कृषि पंप, घरगुती बिजली कनेक्शन, स्ट्रीट लाइट, जलापूर्ति योजना आदि के कनेक्शन काटे जाने से ग्रामीण वन अंचल में बरसात के समय अंधेरा छा गया है. गांव देहात के नागरिक, किसान गरीब संकट में पड़ गए हैं. मंत्रियों एवं नेताओं के घड़ी-घड़ी बदलते बयानों के कारण जनता भ्रमित हो गई. जो बिजली ग्राहक बिल पटा सकते हैं वह भी माफ होने के चक्कर में बिल का पेमेंट नहीं करते. 

    ग्रामीण जनता की अपेक्षा कर रही सरकार

    अभी तक यह देखा गया है कि जो किसान नियमित रूप से कर्ज का भुगतान करते थे, उन्हें माफी का लाभ नहीं मिला और जो लोग पेमेंट नहीं करते थे उन लोगों को कर्ज माफी का लाभ मिला. पूर्व पंचायत समिति सदस्य बाल कृष्णा गाडवे ने कहा है कि शहरों में नगर पालिका और महानगर पालिका को राज्य सरकार द्वारा  अनेक प्रकार के फंड दिए जाते हैं. परंतु ग्रामीण जनता और गांव की उपेक्षा की जाती है. यह भेदभाव ठीक नहीं है. 

    ग्रापं को विशेष अनुदान की जरूरत : गाडवे

    उन्होंने  कहा कि जिला परिषद और पंचायत समितियों का ग्राम पंचायतों पर प्रभावशाली नियंत्रण नहीं होने के कारण ग्राम पंचायतों का बजट बिगड़ जाता है. राज्य सरकार ने सभी बातों का विचार कर ग्राम पंचायतों को विशेष अनुदान देने की आवश्यकता है.  ग्रामीण जनता को राहत मिल सके ऐसी नीति बनानी चाहिए. गाडवे ने राज्य सरकार एवं प्रशासन के अनुचित नीति का विरोध किया है.