बेटी के जन्म पर करें स्वागत : जिलाधिकारी

बुलढाना. वंश को चिराग ही चाहिए? यह मानसिकता बदलना अब समय की जरूरत है, उक्त मानसिकता के कारण ही स्त्री भ्रूणहत्या की घटनाएं आए दिन सामने आती हैं. किंतु अब वह दौर गया जब महिलाएं केवल घर संभालती थीं. आज

Loading

बुलढाना. वंश को चिराग ही चाहिए? यह मानसिकता बदलना अब समय की जरूरत है, उक्त मानसिकता के कारण ही स्त्री भ्रूणहत्या की घटनाएं आए दिन सामने आती हैं. किंतु अब वह दौर गया जब महिलाएं केवल घर संभालती थीं. आज के इस युग में महिलाएं पुरुषों के कंधे से कंधा लगाकर सभी क्षेत्रों में कार्य कर रही हैं. इसी लिए समाज के प्रत्येक परिवार को चाहिए की वे बेटी के जन्म पर बेटे से अधिक खुशी मनाएं, ऐसा प्रतिपादन जिलाधिकारी सुमन चंद्रा ने एक कार्यक्रम में उपस्थितों को संबोधित करते हुए कहा. बता दें कि, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं अभियान के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन आयएमए सभागृह में आयोजित किया गया था. इस समय उपस्थितों को मार्गदर्शन करते हुए जिलाधिकारी ने उक्त प्रतिपादन किया.

समाज में जनजागृति करने की जरूरत : चंद्रा
इस समय मंच पर जिला पुलिस अधीक्षक डा.दिलीप पाटिल भुजबल, जिला विधि सेवा प्राधिकरण के सचिव तथा दीवाणी न्यायाधीश साजिद आरिफ सैयद, प्र.मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश लोखंडे, जिला वकील संघाध्यक्ष एड.राज देवकर, जिला शल्य चिकत्सिक डा.प्रेमचंद पंडित, जिला स्वास्थ अधिकारी कांबले, वैद्यकीय अधिकारी डा. कुटुंबे, डा.जे.बी. राजपूत, माता व बाल संगोपन अधिकारी डा.गोफणे, डा.वसु आदि की उपस्थिति रही.

जिलाधिकारी ने कहा की, स्त्री भ्रूणहत्या की घटनाओं को रोकने के लिए समाज में जनजागृति करने की जरूरत है, इस समय जिला पुलिस अधीक्षड डा.पाटिल, न्यायाधीश साजिद आरिफ सैयद, एड.देवकर, डा.वसु ने भी विचार रखे. प्रारंभ में जिला शल्य चिकित्सक डा.पंडित ने प्रस्ताविक भाषण दिया. संचालन सोलंके व आभार प्रदर्शन सुनील जोशी ने किया. कार्यक्रम में वैद्यकीय क्षेत्र के मान्यवर, नागरिक, महिलाओं की उपस्थिती थी.सफलतार्थ हेतु भोंडे, काकडे, पीसीपीएनडीटी समिती के पदाधिकारी, जिला अस्पताल संबंधित शाखा के कर्मचारियों ने प्रयास किए.