नयी दिल्ली. अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (एपीसेज) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी करण अडाणी ने कहा है कि कंपनी वित्त वर्ष 2024-25 तक 40 करोड़ टन कार्गो या माल चढ़ाने-उतारने का लक्ष्य हासिल करने की राह पर है। कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए कंपनी परिचालन प्रक्रियाओं को महत्तम करने पर ध्यान दे रही है। एपीसेज अडाणी समूह का हिस्सा है और यह भारत की सबसे बड़ी एकीकृत लॉजिस्टिक कंपनी है। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में 22.3 करोड़ टन का कार्गो संभाला था।
अडाणी ने कहा, ‘‘हम इस समय जैसा संकट देख रहे हैं, भविष्य में वैसी स्थिति के लिए तैयार हैं। इसके मद्देनजर हमारा ध्यान ऐसे कदम उठाने पर है, जिससे भविष्य में काम जारी रखने से समझौता न करना पड़े या अवसरों का फायदा उठाने की हमारी क्षमता प्रभावित न हो।” अडाणी ने बृहस्पतिवार को जारी कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में कहा, ‘‘हमें विश्वास है कि संकट के बाद हम अधिक मजबूत होकर उभरेंगे और हम वित्त वर्ष 2024-25 तक 40 करोड़ टन का माल संभालने के अपने लक्ष्य को आसानी से पा लेंगे और इस तरह हम अगले दशक के अंत तक दुनिया की सबसे बड़ी बंदरगाह कंपनी बनने की राह पर आगे बढ़ेंगे।”
उन्होंने कहा कि संकट से निपटने के लिए कंपनी की योजनाओं में टीमों को मबजूत करना, वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान, घनिष्ठ ग्राहक संबंध बनाना, परिचालन प्रक्रियाओं का अनुकूलन, डिजिटलीकरण में वृद्धि और हितधारकों का अधिकतम लाभ शामिल है। एपीसेज के देश में 11 बंदरगाह और टर्मिनल हैं- गुजरात में मुंदड़ा, दाहेज, कांडला और हजीरा, ओडिशा में धामरा, गोवा में मोरमुगाओ, आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम और तमिलनाडु में कट्टुपल्ली और एन्नोर। इन बंदरगाहों की देश की कुल बंदरगाह क्षमता में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। (एजेंसी)