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    मुंबई: हिंडनबर्ग नाम का तूफान अमेरिका से आता है और भारत में गौतम अडानी (Gautam Adani) का पूरा साम्राज्य हिल जाता है। संसद से लेकर शेयर बाजार तक चर्चा सिर्फ अडानी की हो रही है। 10 दिन पहले गौतम अडानी दुनिया के चौथे सबसे अमीर शख्स थे। अब यह 21वें नंबर पर आ गया है। इन तमाम घटनाक्रमों में यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में निवेशकों से हर्जाना भरने की मांग की गई है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में गया है। याचिका में हिंडनबर्ग कंपनी के मालिक नाथन एंडरसन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। एडवोकेट मनोहरलाल शर्मा ने यह जनहित याचिका दायर की है।

    420 और 120 के तहत मामला दर्ज करने की मांग

     शॉर्ट सेलर एंडरसन और उसके साथियों ने लाखों निवेशकों के साथ धोखाधड़ी (Fraud With Investers) की। इनकी वजह से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई की मांग की है। याचिका के मुताबिक शॉर्ट सेलर एंडरसन के खिलाफ आईपीसी (IPC) की धारा 420 और 120 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई है। एंडरसन ने याचिका में भारतीय संस्थानों के खिलाफ साजिश का भी आरोप लगाया है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने दुनिया भर में कई कंपनियों को भी परेशान किया है। इस शोध संस्थान की स्थापना नाथन एंडरसन ने 2017 में की थी। यह एक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है। इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव को अनालयस, शोध करके रिपोर्ट तैयार करता है। इस संस्था के नामकरण के पीछे भी एक रोचक इतिहास है। अमेरिका के न्यूजर्सी में मैनचेस्टर टाउनशिप के पास एक विमान हादसा हुआ।

    सिक्योरिटीज की रेटिंग पर फिलहाल कोई असर नहीं 

     1937 में हिंडनबर्ग हवाई पोत दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उसके बाद फर्म का नाम रखा गया है। नाथन एंडरसन ने इज़राइल में एक एम्बुलेंस चालक के रूप में काम किया। उनके पास इंटरनेशनल बिजनेस में डिग्री है। उन्होंने डेटा कंपनी फैक्टसेट रिसर्च सिस्टम्स इंक के साथ अपना करियर शुरू किया। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर शुक्रवार को 35 फीसदी गिर गए। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर जो 24 जनवरी को 3,442 रुपये थे, शुक्रवार 3 फरवरी को गिरकर 1,017 रुपये पर आ गए। लेकिन एक अच्छी खबर के बाद शेयर फिर से 50 फीसदी चढ़कर 1586 पर बंद हुआ। फिच रेटिंग्स से अडानी ग्रुप के लिए अच्छी खबर आई है। फिच रेटिंग एजेंसी का कहना है कि अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों या सिक्योरिटीज की रेटिंग पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ा है। फिच रेटिंग्स ने स्पष्ट किया कि अदानी समूह के कॅश फ्लो में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। उसके बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों का रुख बदल गया।