
नई दिल्ली: खाने का सामान महंगा होने से खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation Rate) अगस्त महीने में बढ़कर सात प्रतिशत पर पहुंच गई है। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। एक महीने पहले जुलाई में यह 6.71 प्रतिशत थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति लगातार आठवें महीने रिजर्व के संतोषजनक स्तर की ऊपरी सीमा से ऊंची बनी हुई है।
सरकार ने आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत से छह प्रतिशत के बीच रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर अगस्त में 7.62 प्रतिशत रही जो जुलाई में 6.69 प्रतिशत थी। वहीं पिछले साल अगस्त में यह 3.11 प्रतिशत थी।
Retail inflation rises to 7% in August as compared to 6.71% in July: GoI pic.twitter.com/SOPV65hNf2
— ANI (@ANI) September 12, 2022
उल्लेखनीय है कि, एक बार फिर अगस्त महीने में खाद्य महंगाई दर में बढ़ोतरी आई है। खाद्य महंगाई दर 7.62 फीसदी रहा है, जबकि जुलाई में 6.75 फीसदी और जून में 7.75 फीसदी था। वहीं, साग-सब्जियों की महंगाई दर 13.23 फीसदी के दर से बढ़ी है। सब्जी, मसालों, फुटवियर (जूता-चप्पल) और ईंधन तथा प्रकाश श्रेणी में कीमतों में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। हालांकि, अंडे के मामले में मुद्रास्फीति में गिरावट आई जबकि मांस और मछली जैसे प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों की कीमतें स्थिर रहीं। मुद्रास्फीति इस साल अप्रैल में 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। हालांकि, बाद में इसमें कमी आई और जुलाई में यह 6.71 प्रतिशत पर आ गई।
खुदरा महंगाई दर के आंकड़ें अभी भी आरबीआई के टोलरेंस बैंड के अपर लिमिट 6 प्रतिशत से ऊपर बने हुए है। 28 से 30 सितंबर तक आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक होगी। जिसेक बाद आरबीआई 30 सितंबर को ब्याज दरों को लेकर अपना रूख साफ करेगा। ऐसा माना जा रहा है कि, रिज़र्व बैंक फिर से रेपो रेट में एक चौथाई प्रतिशत बढ़ोतरी करने की संभावना है। जबकि, रेपो रेट को 5.40 फीसदी से बढ़ाकर 5.65 फीसदी किया जा सकता है।