Fill IT Return On Time And Stay Worry Free

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    मुंबई: जुलाई का महीना शुरू होते ही व्यक्तिगत आयकर दाताओं को आयकर रिटर्न (Income Tax Return-ITR) भरने की चिंता होने लगती है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए व्यक्तिगत आयकरदाताओं और पर्सनल HUF के लिए आयकर रिटर्न (ITR) भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई, 2022 है। वहीं ऐसे व्यक्ति जिनके बिजनेस के लिए ऑडिट जरूरी होता है, उनके लिए रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर, 2022 है। जबकि ऐसा बिजनेस जिसमें ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट की जरूरत होती है, उनके लिए रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 30 नवंबर, 2022 है। 

    कोविड संकट के कारण पिछले दो साल सरकार ने अंतिम तिथि बढ़ायी थी, लेकिन इस साल हालात सामान्य हैं। लिहाजा तारीख बढ़ने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। अंतिम दिनों में ट्रैफिक बढ़ जाने से ई-फाइलिंग पोर्टल (E-Filing Portal) ‘हैंग’ (Hang) होने लगता है या फिर तकनीकी दिक्कत भी आ सकती है। वैसे दिक्कत तो अभी से आने की खबरें आने लगी है। इसलिए जुर्माने (Penalty) से बचने और चिंता मुक्त रहने के लिए अंतिम तिथि (Last Date) से पहले ही आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल https://www.incometax.gov.in पर अपना रिटर्न भर देना चाहिए।

    अपने आईटीआर फॉर्म का करें चयन

    वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि वित्त वर्ष 2021-22 और एसेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए बिना किसी लेट फीस के आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2022 है। अगर आप अंतिम तिथि के बाद इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं तो इनकम टैक्स के सेक्शन 234A और अंडर सेक्शन 234F के तहत आपको पेनल्टी के साथ टैक्स पर ब्याज भी देना पड़ेगा। यह पेनल्टी 5,000 रुपए तक है। जब आप आप ई-फाइलिंग पोर्टल पर ऑनलाइन रिटर्न सबमिट करेंगे तो आपको वहां दो फॉर्म में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलेगा। आईटीआर फॉर्म-1 और आईटीआर फॉर्म-4, आपको इन दोनों फॉर्म में से एक फॉर्म को चुनना होता है। ज्यादातर टैक्सपेयर्स आईटीआर-1 फॉर्म (ITR Form-1) के जरिए आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं। इसे ‘सहज’ के नाम से भी जाना जाता है। यह फॉर्म उन लोगों को भरना होता है जिनकी वेतन, प्रॉपर्टी, ब्याज तथा कृषि से हुई आय को मिलाकर कुल आय 50 लाख रुपए तक है। जब टैक्सपेयर पोर्टल पर आईटीआर फॉर्म-1 सेलेक्ट करता है तो टैक्सपेयर से संबंधित जानकारियां ई-फाइलिंग वेबसाइट पर फॉर्म में पहले से ही भरी होती हैं। लेकिन जरूरी है कि आप एक बार उन जानकारियों को ठीक से जांच लें। अगर उनमें कोई गलत जानकारी है तो उसे ठीक कर दें।

    इन बातों का रखें ध्यान

    आप इंडिविजुअल, एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) और फर्म (एलएलपी के अलावा) हैं और आपकी आय 50 लाख रुपए तक है और आपको इनकम सेक्शन 44AD, 44ADA or 44AE की गणना के अनुसार बिजनेस व प्रोफेशन से हुई है तो आपको आईटीआर फॉर्म-1 नहीं भरना होगा। तब आपको आईटीआर फॉर्म-4 को सेलेक्ट करके अपना रिटर्न सबमिट करना होगा। पोर्टल पर रिटर्न भरने के लिए आपके पास पैन कार्ड, आधार कार्ड, फॉर्म 16, बैंक अकाउंट डिटेल, प्रमाण के साथ निवेश डिटेल और अन्य इनकम प्रूफ होने चाहिए। साथ ही रिटर्न फाइल करने के लिए ‘पैन’ और ‘आधार’ का लिंक होना भी अनिवार्य है। करदाता की ई-मेल आईडी भी आयकर विभाग के पास रजिस्टर्ड होनी चाहिए।

    नए नियम से कई लोग आयकर रिटर्न के दायरे में आए 

    अब वरिष्ठ नागरिकों को भी आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य कर दिया है। पहले उन्हें इससे छूट मिली हुई थी। इस नए नियम से कई लोग आयकर रिटर्न के दायरे में आ गए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के नए निर्देशों के तहत व्यक्तियों, पेशेवरों के लिए आयकर रिटर्न भरना अनिवार्य होगा। चाहे उनकी आय कर योग्य सीमा में आती हो या नहीं। फिलहाल, आयकर छूट की सीमा 60 साल से कम आयु के व्यक्तियों के लिए 2.5 लाख रुपए, 60 से 80 साल के आयु वर्ग के लोगों के लिए 3 लाख रुपए, 80 साल से अधिक आयु वालों के लिए 5 लाख रुपए है। नए निर्देशों के मुताबिक, अब ऐसे कारोबारी जिनकी कारोबार से कमाई 60 लाख रुपए से अधिक है या पेशे से होने वाली कमाई 10 लाख रुपए से अधिक है, उन्हें भी अनिवार्य रूप से रिटर्न भरना होगा।

    नए नियमों का रखें ख्याल

    इसी तरह यदि 60 साल से कम उम्र के व्यक्ति की साल भर में टीडीएस (Tax Deduction At Source-TDS) या टीसीएस (Tax Collection At Source-TCS) के रूप में कुल 25,000 रुपए की कटौती की गई है, तो उस व्यक्ति को भी रिटर्न भरना होगा। वहीं अगर यह कटौती 60 साल की उम्र पर 50 हजार रुपए या इससे ज्यादा है तो उसे भी रिटर्न भरना होगा। अब तक वरिष्ठ नागरिकों को केवल तभी रिटर्न भरने की जरूरत होती थी, जब उनकी कोई बिजनेस इनकम हो। इसके अलावा नए नियमों के मुताबिक, जिनके बचत खाते में एक साल में 50 लाख रुपए से ज्यादा जमा हो चुके हैं, उन्हें भी रिटर्न भरना होगा।

    विदेशों में बैंक खाता और निवेश का विवरण देना जरूरी

    जिन करदाताओं के विदेशों में बैंक खाते, निवेश या सम्पत्ति है, उन्हें रिटर्न भरते समय उसका विवरण देना अनिवार्य है। अन्यथा उन्हें भारी पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है। जो अनिवासी भारतीय (NRI) जब वापस भारत आकर यही रहने लगते जाते हैं और जब एक निवासी के रूप में रिटर्न भरते हैं तो उन्हें विशेष रूप से इस बात का ख्याल रखना चाहिए। यदि विदेशों में बैंक खाता है तो उसकी डिटेल अवश्य रिटर्न में दे। 

    पेनल्टी से बचने अंतिम तिथि से पहले भरें ITR

    हर टैक्सपेयर (Taxpayer) को चाहिए कि वह अंतिम समय से पहले ही अपना रिटर्न (ITR) भर कर चिंता मुक्त हो जाए। इस साल तारीख बढ़ने की संभावना नहीं है। लिहाजा सभी को अंतिम दिन का इंतजार किए बिना पहले ही रिटर्न भर कर सरकार का सहयोग करना चाहिए और जो करदाता 31 जुलाई के बाद रिटर्न भरेगा, उसे 5,000 रुपए तक पेनल्टी और ब्याज भी देना होगा। जहां तक पुरानी व नई कर व्यवस्था (Tax Slab) की बात है। दोनों के अलग-अलग फायदे-नुकसान हैं। वित्तमंत्री ने आयकर प्रणाली का सरलीकरण करने के उद्देश्य से 2 तरह के विकल्प दिए हैं। करदाता दोनों विकल्प की तुलना करके देख लें, जिसमें टैक्स देनदारी कम आती हो, उसी विकल्प का चयन करना चाहिए। वैसे जो करदाता टैक्स बचाने के लिए कोई निवेश (Investment) नहीं करते हैं, उनके लिए नया टैक्स स्लैब फायदेमंद है। 

    अक्सर लोगों को यह गलतफहमी भी रहती है कि मेरी कुल वार्षिक आय 5 लाख रुपए से कम है और इन्वेस्टमेंट बेनिफिट डिडक्शन के बाद टैक्स देनदारी जीरो हो जाती है तो मुझे रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है, लेकिन ऐसा नहीं है। यदि ग्रॉस इनकम 2.50 लाख से अधिक और 5 लाख रुपए से कम है तो भी रिटर्न लेट भरने पर पेनल्टी लगती है।

    - नरोत्तम मिश्रा, वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट