नयी दिल्ली. भारत-चीन के बीच गलवान घाटी में मौजूदा तनाव की स्थिति भारतीय कंपनियों के लिए आत्मनिरीक्षण करने तथा वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनने के लिए जाग जाने का आह्वान करती है। देश के शीर्ष उद्योग निकाय भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने बृहस्पतिवार को यह कहा।
भारत और चीन की सेनाएं पिछले छह सप्ताह से पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर एक दूसरे के समक्ष कड़ी सतर्कता में खड़ी हैं। 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के मारे जाने के बाद यह तनाव कई गुना बढ़ गया। सीआईआई ने एक बयान में कहा कि इस मुद्दे पर, उद्योग जगत सरकार के साथ खड़ा है क्योंकि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता सर्वोपरि है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा, ‘‘सरकार, देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने की कोशिश करते हुए, देश के भीतर महामारी से भी जूझ रही है। ये वास्तव में चुनौतीपूर्ण समय हैं। हालांकि, हर चुनौती में एक अवसर भी होता है और एक राष्ट्र के रूप में हमें सिक्के के उस दूसरे पहलू को भी देखना चाहिए।” उद्योग संगठन ने कहा कि भारत को आर्थिक रूप से अधिक आत्मनिर्भर, अधिक प्रतिस्पर्धी और वैश्विक स्तर पर अधिक जुड़ा हुआ बनाने के लिये कुछ रणनीतिक फैसले लेने का यह सही समय है।
सीआईआई ने कहा कि यह भारतीय उद्योग के लिए आत्मनिरीक्षण करने तथा अधिक प्रतिस्पर्धी बनने के लिए आवश्यक पहल करने का समय है। ऐसे समय जब केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर देश में निवेश का सबसे अनुकूल संभव माहौल बनाने के लिये काम कर ही है तब भारत उच्च मूल्य वर्धन और सभी देशों के लिये स्रोत केन्द्र के रूप में उभर सकता है। सीआईआई ने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति जाग जाने का आह्वान कर रही है और सीआईआई के तौर पर हम इस स्थिति में पूरी मजबूती के साथ प्रतिक्रिया के लिये प्रतिबद्ध हैं।” (एजेंसी)