Sensex, Stock Market
सेंसेक्स 290 अंक से आगे (File Photo)

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    मुंबई: घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में भारी गिरावट दर्ज की गई और बीएसई सेंसेक्स 953.70 अंक लुढ़ककर बंद हुआ। कई देशों के केंद्रीय बैंकों के ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि और वैश्विक बाजारों में मंदी की बढ़ती आशंका के चलते विदेशी निवेशकों की बिकवाली से घरेलू बाजारों में गिरावट आई। कारोबारियों के अनुसार अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपये के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचने का भी निवेशकों की धारणा पर प्रभाव पड़ा।   

    तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स में लगातार चौथे कारोबार सत्र में गिरावट आई और यह 953.70 अंक यानी 1.64 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,145.22 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय सेंसेक्स 1,060.68 अंक तक गिर गया था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 311.05 अंक यानी 1.80 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,016.30 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में मारुति सुजुकी में सबसे अधिक 5.49 प्रतिशत की गिरावट हुई। 

    टाटा स्टील, आईटीसी, एक्सिस बैंक, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस और इंडसइंड बैंक के शेयर भी प्रमुख रूप से गिरावट में रहे। दूसरी तरफ एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस, एशियन पेंट्स, टीसीएस, अल्ट्राटेक सीमेंट, टीसीएस, विप्रो और नेस्ले के शेयर लाभ के साथ बंद हुए। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, ‘‘कमजोर वैश्विक संकेतों और रुपये में लगातार गिरावट के कारण निफ्टी लगातार चौथे कारोबारी सत्र में नुकसान में रहा।”

    उन्होंने कहा, ‘‘उच्च मुद्रास्फीति और वैश्विक मंदी की आशंका लगातार बढ़ने के कारण इक्विटी समेत जोखिम वाली वैश्विक संपत्तियों में सोमवार को बड़ी बिकवाली दर्ज की गई।” जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व के ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि की वजह से डॉलर में तेजी, सुस्त आर्थिक वृद्धि और सतर्क निवेशकों की बढ़ती मांग वैश्विक शेयर बाजारों में उथल-पुथल पैदा कर रही है।  

    उन्होंने कहा, ‘‘इन सबके बीच रुपये में गिरावट, बांड प्रतिफल बढ़ने और एशिया के अन्य बाजारों में कमजोर रुख के साथ घरेलू बाजार नुकसान में रहे। केवल आईटी क्षेत्र लाभ में रहे। इसका कारण यह संभावना है कि वैश्विक मंदी की आशंका का ज्यादातर असर कीमत के रूप में आ चुका है।” बीएसई का मिडकैप 3.33 प्रतिशत और मिडकैप सूचकांक 2.84 प्रतिशत टूट गये। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग गिरावट में बंद हुए।   

    यूरोपीय शेयर बाजारों में शुरूआती कारोबार में गिरावट का रुख था। अमेरिकी बाजार में भी शुक्रवार को गिरावट रही। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.75 प्रतिशत की नरमी के साथ 85.50 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर 58 पैसे टूटकर अबतक के सबसे निचले स्तर 81.67 (अस्थायी) पर बंद हुई। बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 2,899.68 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। (एजेंसी)