Crown Prince Mohammed bin Salman Al Saud

Loading

नई दिल्ली: दुनिया में कई लोग है जो अपनी शानो शौकत के लिए जाने जाते है। आज हम ऐसे शख्श  की बात कर रहे है, जो भारतीय बिज़नेसमेन गौतम अडानी और मुकेश अंबानी से अमीर तो नहीं, लेकिन उनके पास 2500 करोड़ का घर, 3300 करोड़ की नौका है। हम बात कर रहे है सऊदी अरब के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Crown Prince Mohammed bin Salman Al Saud) की। 

सऊदी अरब के प्रधानमंत्री अपनी लग्जरियस लाइफ के लिए जाने जाते है। डेलीमेल के मुताबिक, सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पास लग्जरी कारों का बेड़ा है। उन्हें अक्सर 3.6 करोड़ रुपये की लेम्बोर्गिनी एवेंटाडोर में देखा जाता है। उनके पास छह पहियों वाली ऑफ-रोडर मर्सिडीज G63 (8.7 करोड़ रुपये की कीमत) से लेकर 5.54 करोड़ रुपये की बेंटले फ्लाइंग स्पर और सोने की पॉलिश वाली रोल्स-रॉयस जैसी कई लग्जरी गाड़ियां हैं।

फ्रांस में 2400 करोड़ रुपये का आलीशान महल

मोहम्मद बिन सलमान के पास फ्रांस में 2400 करोड़ रुपये का आलीशान महल है। इस संपत्ति को फ्रांस के सबसे शानदार घरों में से एक माना जाता है। यह महल लुई XIV के फ्रांसीसी महलों की थीम पर बनाया गया है। ऐसा कहा जाता है कि महल के दरवाजे और दीवार की रेलिंग सोने से मढ़ी हुई हैं। 

 3300 करोड़ रुपये की नौका

यही नहीं सऊदी क्राउन प्रिंस के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सुपरयाट है, जिसकी कीमत कथित तौर पर 3300 करोड़ रुपये है। फोर्ब्स पत्रिका की मानें तो, यह नौका इटली के फिनकैंटिएरी यार्ड से निर्मित पहली सुपरयाट   है। इस नौका पर दो हेलीपैड हैं, जिनमें से एक को जरूरत पड़ने पर स्विमिंग पूल या डांस फ्लोर में बदला जा सकता है। मोहम्मद बिन सलमान दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं और उनकी कुल संपत्ति लगभग 25 बिलियन अमेरिकी डॉलर आंकी गई है।

जन्मदिन पर किराये पर लिया था मालदीव में एक पूरा द्वीप

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने 25वें जन्मदिन पर कथित तौर पर मालदीव में एक पूरा द्वीप किराए पर लिया था। जिसके लिए उन्होंने 57 करोड़ रुपये का किराया भी चुकाया था । 

हाल ही में भारत के दौरे पर आये थे सऊदी क्राउन प्रिंस

सऊदी क्राउन प्रिंस हाल ही में भारत के दौरे पर आये थे। वे 9-10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तीन दिन पहले दिल्ली पहुंचे थे और उन्होंने पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने के लिए अपने प्रवास को एक दिन बढ़ा दिया था।