SEBI's income up 13 percent to Rs 963 crore in 2018-19

सेबी के सालाना लेखा- जोखा के मुताबिक वर्ष के दौरान उसका कुल खर्च भी बढ़कर 492.34 करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो कि एक साल पहले 414.46 करोड़ रुपये रहा था।

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नयी दिल्ली. पूंजी बाजार नियामक सेबी की कुल आय 2018- 19 में 13 प्रतिशत बढ़कर 963 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। फीस और ग्राहक अंशदान से होने वाली आय बढ़ने से सेबी की आय बढ़ी है। सेबी के सालाना लेखा- जोखा के मुताबिक वर्ष के दौरान उसका कुल खर्च भी बढ़कर 492.34 करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो कि एक साल पहले 414.46 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान अन्य प्रशासनिक खर्च 121 करोड़ रुपये से बढ़कर 131 करोड़ रुपये और प्रतिष्ठान खर्च 244 करोड़ रुपये से बढ़कर 293 करोड़ रुपये हो गया।

वर्ष 2018- 19 के दौरान पूंजी बाजार नियामक की फीस से होने वाली आय 624 करोड़ रुपये से बढ़कर 750 करोड रुपये और अन्य आय 10 करोड़ रुपये से बढ़कर 17 करोड़ रुपये हो गई। वहीं निवेश से नियामक की आय 207 करोड़ रुपये से घटकर 180 करोड़ रुपये रह गई। कुल मिलाकर वर्ष 2018- 19 के दौरान पूंजी बाजार नियामक की कुल आय एक साल पहले के 854.78 करोड़ रुपये से बढ़कर 963.59 करोड़ रुपये हो गई। यह वृद्धि 13 प्रतिशत रही। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का गठन 1988 में हुआ था।

शेयर बाजार में हर्षद मेहता घोटाला सामने आने के बाद 1992 में सेबी कानून पारित हुआ और सेबी को सांविधिक शक्तियां प्राप्त हुईं। सेबी को शेयर ब्रोकरों से मिलने वाली फीस, शेयर बाजारों से मिलने वाली सूचीबद्धता फीस, ग्राहकों से अंशदन और नवीनीकरण तथा आवेदन आदि से होने वाली आय उसकी कुल कमाई में शामिल होती है।

सेबी का काम प्रतिभूति बाजार में निवेशकों के हितों की रक्षा करना है। इसके साथ ही बाजार का नियमन और उसका संवर्धन भी उसके अधिकार क्षेत्र में है। इसके साथ ही अनुचित व्यापार व्यवहार गतिविधियों, भेदिया कारोबार और अन्य साठगांठ वाली गतिविधियों पर भी वह नजर रखता है।(एजेंसी )