Delhi Police files charge sheet on 120 cases, registers 750 FIRs

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नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली (North East Delhi) में हुए दंगों (Riots) से संबंधित मामले में आरोपी को यह कहते हुए जमानत दे दी कि उसे केवल इसलिये ”अनिश्चितकाल तक” जेल में नहीं रखा जा सकता कि वह इस मामले में मुख्य आरोपी आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के निलंबित निगम पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) का छोटा भाई है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने शाह आलम को जमानत देते हुए कहा कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से एकमात्र गवाह का नाम जानबूझकर इसलिये शामिल किया क्योंकि कोई और स्वतंत्र गवाह नहीं मिला। अदालत ने कहा कि यह मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन के घर का दंगाइयों द्वारा इस्तेमाल किये जाने, आगजनी और सार्वजनिक तथा निजी संपत्तियों को लूटने का ‘सामान्य मामला’ है।

न्यायाधीश ने नौ दिसंबर को पारित आदेश में कहा, ”इस मामले में, केवल जय भगवान नामक एकमात्र गवाह को शामिल गया। मैंने उसकी शिकायत पढ़ी, जिसमें यह प्रतीत होता है कि इस मामले में जानबूझकर इस गवाह का नाम शामिल किया गया है क्योंकि कोई और स्वतंत्र गवाह नहीं मिला।”

आदेश में कहा गया है, ”विचार-विमर्श के बाद मेरा मानना है कि आवेदक (आलम) इस मामले में समानता के आधार पर मामले जमानत का हकदार है। उसे महज इसलिये अनिश्चितकाल तक जेल में नहीं रखा जा सकता कि वह मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन का छोटा भाई या फिर उन लोगों में शामिल है, जिनकी पहचान दंगाई भीड़ में शामिल लोगों के तौर पर की गई और उन्हें गिरफ्तार किया गया।

अदालत ने दयालपुर इलाके में दंगे से संबंधित इस मामले में आलम को 20 हजार रुपये के मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा कराने को कहा। (एजेंसी)