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    देश में कोरोना (Coronavirus) का कहर जारी है. महाराष्ट्र सर्वाधिक प्रभावित है जहां एक ओर तो वैक्सीन की कमी का संकट देखा जा रहा है, दूसरी ओर पीड़ितों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल पा रहे हैं. संक्रमितों की तादाद और मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. महाराष्ट्र (Maharashtra Corona Cases) ही नहीं, अधिकांश गैर बीजेपी (BJP) शासित राज्य अपने यहां वैक्सीन की सप्लाई नहीं होने की शिकायत कर रहे हैं. दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना व आंध्रप्रदेश ने भी वैक्सीन की कमी का मामला उठाया है. ऐसी हालत में जनता को व्यर्थ की जुमलेबाजी नहीं चाहिए.

    प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) ने कोरोना से निपटने के लिए ‘ट्रैक, टेस्ट और ट्रीट’ पर ध्यान देने को कहा. उन्होंने ज्योतिबा फुले और डा. आंबेडकर की जयंती 11 से 14 अप्रैल के बीच ‘टीका पर्व’ आयोजित करने को भी कहा. प्रधानमंत्री पहले भी देशवासियों को घरों में दीया जलाने, घर की छत या गैलरी में खड़े होकर थाली या ताली बजाने जैसे संदेश दे चुके हैं जिनका करोड़ों लोगों ने यह जानते हुए भी पालन किया कि ऐसा करना कोरोना का इलाज नहीं है. शायद तब पीएम का उद्देश्य लोगों का आत्मविश्वास व एकजुटता बढ़ाना तथा अपनी संवाद क्षमता का असर परखना रहा होगा.

    अब उन्होंने अंग्रेजी के ‘टी’ अक्षर की तुकबंदी पेश करते हुए मुख्यमंत्रियों को नसीहत दी कि वे ट्रैक, टेस्ट और ट्रीट पर ध्यान दें. वास्तविकता यह है कि 5 राज्यों के चुनावों की वजह से प्रधानमंत्री लॉकडाउन घोषित नहीं कर पा रहे हैं. आशंका है कि बंगाल में नेताओं की लगातार सभाओं, रोड शो में उमड़ती भीड़ की वजह से कोरोना का जबरदस्त विस्फोट हो सकता है. इस वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने प्रधानमंत्री से कोरोना वैक्सीन की अतिरिक्त आपूर्ति के साथ ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की सुविधा मुहैया कराने की मांग की.