Bobby Deol
Photo: Twitter

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मुंबई: धर्मपुत्र बॉबी देओल इन दिनों ओटीटी प्लेटफॉर्म के सबसे चर्चित स्टार हैं। उनकी वेबसीरीज ‘आश्रम’ और ‘क्लास ऑफ 83’ ने खूब पॉपुलैरिटी हासिल की थी। लेकिन बॉलीवुड में बॉबी को चुका हुआ कारतूस मान लिया गया। एक समय था जब बॉबी का करियर पूरे शबाब पर था और उन्हें बड़े-बड़े बैनर की फिल्में ऑफर हो रही थी। लेकिन बॉबी शायद इस कामयाबी को पचा नहीं पाए और धीरे-धीरे गुम  होते चले गए। एक इंटरव्यू के दौरान बॉबी देओल ने अपनी असफलता से जुड़े कारणों के बारे में विस्तार से बताया।

करियर को नहीं बचा पाए बॉबी 

बॉबी के मुताबिक वो अपने करियर को सीरियली नहीं ले रहे थे। उन्हें लगता था कि उनके साथ पिता धर्मेंद्र और भाई सनी देओल की विरासत है। अगर वो गिरेंगे तो पापा और भाई संभाल लेंगे। लेकिन अब बॉबी को महसूस हो रहा है कि उनकी सोच गलत थी। हालांकि धर्मेंद्र ने बॉबी के करियर को पटरी पर लाने की काफी कोशिशें की लेकिन बॉबी खुद को गुमनामी से नहीं बचा पाए। बॉबी के मुताबिक अपने काम को सीरियसली नहीं लेना उनकी सबसे बड़ी भूल थी, जिसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ी।

कुछ खास नहीं कर पाए बॉबी

बॉबी देओल ने साल 1995 में फिल्म ‘बरसात’ से बॉलीवुड में कदम रखा था। हालांकि ये एक औसत फिल्म थी, लेकिन बॉबी को लोगों ने काफी पसंद किया। 1997 में आई राजीव राय की फिल्म ‘गुप्त’ सफल रही और बॉबी को स्टार का दर्जा मिल गया। लेकिन इसके बाद बॉबी कुछ खास नहीं कर पाए।

लगन और जुनून की कमी ने रोकी रफ्तार

बॉबी का कहना है कि, ‘एक-आध फिल्में चल जाने से कोई स्टार नहीं बन जाता। कामयाबी की इस रफ्तार को बनाये रखना पड़ता है। मुझे अच्छे ऑफर नहीं मिल रहे थे। मुझे कोई गंभीरता से नहीं ले रहा था। धीरे-धीरे मुझमें आलसीपन आ गया, जबकि मुझे लगन और जूनून के साथ कोशिश करनी चाहिए थी।

ओटीटी प्लेटफॉर्म ने दी नई दिशा

खैर, ओटीटी प्लेटफॉर्म से बॉबी के करियर को नई दिशा मिल चुकी है। अब लोग उन्हें सीरियसली लेने लगे हैं. जल्द ही बॉबी अनिल कपूर और अभिषेक बच्चन के साथ फिल्म एनीमल में नज़र आएँगे। बॉबी की फिल्म ‘द देशी शर्लोक भी इसी साल रिलीज होगी। उम्मीद है कि बॉबी ने अपनी गलतियों से काफी कुछ सीखा होगा।