किशोर कुमार को हो गया था अपनी मौत का अंदेशा, पल भर में ली आखिरी सांस

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    मुंबई: बॉलीवुड में शायद ही कोई ऐसा अभिनेता हो जिसने हर क्षेत्र में सफलता हासिल की हो। लेकिन किशोर कुमार (Kishore Kumar) का गला उनकी बेहतरीन एक्टिंग जितना ही खूबसूरत था।  गाने के मामले में किशोर का हाथ कोई नहीं पकड़ सकता। किशोर 70 और 80 के दशक के सबसे महंगे गायक थे। उन्होंने अमिताभ बच्चन से लेकर राजेश खन्ना तक अपनी आवाज की ताल पर सभी को मदहोश कर दिया। राजेश खन्ना को सुपरस्टार बनाने में किशोर का बड़ा योगदान माना जाता है। इसके अलावा किशोर निर्देशक, निर्माता, गीतकार और कहानी लेखन में भी कुशल थे। 4 अगस्त 1929 को जन्मे किशोर को अपनी मृत्यु से पहले अपनी मृत्यु का पूर्वाभास हो गया था। 

    किशोर के बेटे अमित कुमार ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘उन्होंने सुमित को तैरने जाने से रोक दिया और उन्हें इस बात की चिंता थी कि कनाडा से उनकी फ्लाइट समय पर उतरेगी या नहीं। वह पहले से ही दिल का दौरा पड़ने के लक्षण महसूस हो रहे थे।

    अमित ने आगे कहा, ‘लेकिन, एक दिन उसने मजाक में कहा कि अगर हम डॉक्टर को बुलाते हैं, तो मुझे सच में स्ट्रोक होगा और दूसरा शब्द उसके मुंह से निकला, उसे दिल का दौरा पड़ा।’ किशोर के गृहनगर खंडवा में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनका गाँव किशोर को बहुत प्रिय था।

    अभिनय और गायन में तरह तरह के प्रयोग करने वाले चुलबुले और हरदिल अजीज फनकार किशोर कुमार का जन्म चार अगस्त को हुआ था। उन्हें हिन्दी सिनेमा में तमाम तरह के किरदारों को बखूबी निभाने के लिए जाना जाता है, लेकिन उनके गायन की शैली और कॉमेडी को लोग आज भी याद करते हैं। देश की पहली कॉमेडी फिल्म ‘‘चलती का नाम गाड़ी” में किशोर कुमार ने अपने दोनों भाइयों अशोक कुमार और अनूप कुमार के साथ हास्य अभिनय के ऐसे आयाम स्थापित किए, जो आज भी मील का एक पत्थर हैं। हास्य फिल्मों की बात हो तो इस फिल्म को बेहतरीन फिल्मों में शुमार किया जाता है।