मीरा चोपड़ा फिल्म में जल्द डियन मेनस्ट्रीम सिनेमा में ‘Asexuality’ को खूबसूरती से दर्शाती आएंगी नजर

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    मुंबई:  पॉपुलर एक्ट्रेस मीरा चोपड़ा स्क्रीन्स पर अपनी दमदार बोल्ड भूमिकाओं के लिए जानी जाती हैं। क्रिटिकली एक्लेमड एक्ट्रेस ने हमेशा ऐसी फिल्मों और किरदारों को चुना है जो लोगों को सोचने पर मजबूर कर देती है, फिर चाहें वह ‘सेक्शन 375’, ‘1920’, या ओटीटी दिग्गज, डिज्नी हॉटस्टार का शो ‘कमाठीपुरा’ हो। उनकी आने वाली फिल्म “सुपर वुमन” की बात करें, तो वो भी भारत की पहली ‘Asexuality’ पर बेस़्ड फिल्म है। मीरा स्टारर एक और फिल्म जिसका टाइटल ‘सफेद’ है, का फर्स्ट लुक हाल ही में हुए कान्स फिल्म फेस्टिवल में लॉन्च किया गया था।

    हाल ही में “सुपर वुमन” पर बात करते हुए मीरा चोपड़ा ने कहा, “मैं स्क्रिप्ट से बहुत प्रभावित थी। ‘Asexuality’ शब्द भारतीयों के लिए एलियन जैसा है। कई महिलाएं और पुरुष अपने साथियों को यह समझाने के लिए संघर्ष करते हैं कि वे इसके बारे में कैसा महसूस करते हैं। फिल्म के लिए रिसर्च करते समय , मुझे अलैंगिक महिलाओं की आत्महत्याओं और जबरन विवाहों के नंबर्स के बारे में पता चला जो हैरान कर देने वाले है। यह चिंताजनक है। “सुपर वुमन” के साथ, हमारा मकसद उन लोगों के लिए आशा की एक किरण लाना है जो अपनी वास्तविक भावनाओं को समाज तक पहुंचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। ।”

    इस फिल्म पर गोल्डन रेशियो फिल्म्स के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर पीयूष सिंह ने  अपने विचार साझा करते हुए कहा, “एक प्रोडक्शन कंपनी के रूप में, जीआरएफ हमेशा से ऐसी फिल्मों के निर्माण के लिए प्रतिष्ठित है, जिससे आम जनता की पहचान हो सकती है। सुपर वुमन एक स्पेशल सिनेमा है जो ऐसे सब्जेक्ट्स पर रोशनी डालता है जो समझदार दर्शकों के साथ व्यापक रूप से मेल कर पाएगी। 

    वहीं कान्स फिल्म फेस्टिवल में अपनी हालिया फिल्म “सफेद” पर, मीरा ने कहा, “यह हमारे लिए एक रियल और जबरदस्त अनुभव था। हमने अपने देश का प्रतिनिधित्व करने और भारतीय सिनेमा में क्रांति का प्रतिनिधित्व करने के लिए बैज पहना था। ‘सफेद’ एक दिल को छू लेने वाली फिल्म है जो समाज में विधवाओं और ट्रांसजेंडरों के संघर्ष का सही सार दिखाती है। ए आर रहमान ने हमारी फिल्म का फर्स्ट लुक रिलीज किया, जिससे यह और भी खास हो गई।

    मीरा ने आगे कहा, “सुपर वुमन” उन सभी सुपरवुमन को अर्पित है जो सामाजिक मानदंडों को गलत बताती हैं। दुनिया को यह जानने की जरूरत है कि एक महिला को उसकी सेक्सुएलिटी से परिभाषित नहीं किया जा सकता है। ‘सेक्सुअल’ या ‘असेक्सुअल’, हर महिला में दुनिया को जीतने की क्षमता होती है। हम अब ‘कमजोर’ सेक्स नहीं हैं। एक महिला की सबसे बड़ी ताकत उसकी सेक्सुएलिटी में नहीं होती, यह उसके कैरेक्टर, उसकी आत्मा और उसके व्यक्तित्व में निहित होती है। एक महिला की कीमत उसकी सेक्सुएलिटी से परे होती है और हमारी फिल्म इसे खूबसूरती से दर्शाती है। रिसर्च करते समय मैं उन डॉक्यूमेंट्रीज को देखकर दंग रह गई थी जिनमें महिलाओं को केवल सेक्स ऑब्जेक्ट के रूप में आंका गया था।

    ‘सुपर वुमन’ का निर्देशन जैघम इमाम ने किया है, जो फिल्म फेस्टिवल सर्किट में अपने उल्लेखनीय काम और तिग्मांशु धूलिया और पूनम ढिल्लों जैसे दिग्गजों को कास्ट करने के लिए विश्व स्तर पर जाने जाते हैं। फिल्म का निर्माण गोल्डन रेशियो फिल्म्स ने किया है।